सांस के मरीजों के लिए जानलेवा हुआ वायु प्रदूषण, युवती समेत दो मरीजों की मौत
गाजियाबाद
अब इसे वायु प्रदूषण का असर कहें या कुछ और लेकिन सांस के मरीजों की जान पर बन आई है। धुंध के चलते सांस के मरीजों की हालत बेहद गंभीर हो रही है। युवती समेत सांस के दो मरीजों की उपचार के दौरान मौत हो गई है। आशंका जताई जा रही है कि वायु गुणवत्ता खराब होने से सांस के मरीजों की जान गई है।
इसी क्रम में सोमवार को जिला एमएमजी और संयुक्त अस्पताल की ओपीडी में सांस के 354 मरीज पहुंचे। इनमें से 22 को भर्ती किया गया है। खांसी, जुकाम के बाद सांस लेने में परेशानी होने पर तीन दिन पहले साहिबाबाद की रहने वाली 26 वर्षीय युवती को एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
उपचार के दौरान चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया
हालत बिगड़ने पर चार नवंबर को दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया। रविवार को चिकित्सकों ने युवती को मृत घोषित कर दिया। मृत्यु का कारण पल्मोनरी अटैक बताया गया है। इसके अलावा विजयनगर के रहने वाले 92 वर्षीय भीम सिंह को सांस लेने में परेशानी होने पर जिला एमएमजी अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। उपचार के दौरान चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
मृतक के बेटे ताराचंद का कहना है कि उनको पहले से कोई बीमारी नहीं थी। मजदूरी का काम करते थे। रात को खाना खाने के बाद अचानक सांस लेने में परेशानी हुई तो तुरंत अस्पताल में भर्ती किया गया। सोमवार को डायलिसिस कराने पहुंची नोएडा के रहने वाले अशोक की 55 वर्षीय पत्नी तारावती बेहोश हो गई। तुरंत इमरजेंसी में भर्ती किया गया।
मरीजों को भी दो घंटे तक इंतजार कराया
ऑक्सीजन स्तर कम होने पर ऑक्सीजन प्लांट की आपूर्ति की जगह आक्सीजन कंसंट्रेटर से ऑक्सीजन दी गई। उधर संयुक्त अस्पताल की ओपीडी में चिकित्सकों ने स्ट्रेचर पर पहुंचे मरीजों को भी दो घंटे तक इंतजार कराया। इनमें गोविंदपुरम के रहने वाले रामदास और संजयनगर के रहने वाले भूले सिंह शामिल हैं।
छत से गिरकर घायल युवक की उपचार के दौरान मौत
जिला एमएमजी अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराए गए 25 वर्षीय शहजाद की उपचार के दौरान मौत हो गई है। मृतक के दोस्त सरफराज ने बताया कि मिर्जापुर के रहने वाले शहजाद शराब पीकर ऊपर छत पर जाकर उसने घर वालों को जान देने की धमकी दी और नीचे कूद गया। नीचे नाली में गिरा और सिर में गंभीर चोट लग गई। तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
229 के फेफड़ों का कराया गया एक्स-रे
जिला एमएमजी अस्पताल की ओपीडी में पहुंचे 1822 में से फेफड़ों में संक्रमण को लेकर 128 और संयुक्त अस्पताल में पहुंचे 934 में से 101 मरीजों की छाती का एक्स-रे कराया गया। सीएमएस डा. मनोज कुमार चतुर्वेदी का कहना है कि सांस और आंखों में जलन के मरीजों की संख्या बढ़ने पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। खांसी के साथ बुखार होने पर तुरंत एक्स-रे कराया जा रहा है।
फेफड़ों में संक्रमण के मरीज बढ़ रहे हैं। अधिकांश मरीजों को सांस लेने में बेहद परेशानी हो रही है। रोज सांस के पांच गंभीर मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है। सावधानी बरतते हुए सांस लेने में परेशानी होने पर चिकित्सक को जरूर दिखाएं