मिट्टी के दीपक करेंगे चाइनीज दीपकों को फेल
हापुड़
हिन्दुओं के प्रमुख त्यौहार दीपावली के निकट आते ही कुम्हारों ने अपने
चाकों की रफ्तार बढ़ा दी है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में दीपक बनाये
रहे है। इसके बावजूद भी दुकानदारों द्वारा दिया गया दीपक बनाने का आर्डर
उनसे पूरा होता नहीं दिखाई दे रहा है। वहीं बाजारों में आए चाइनीज दीपक
मिट्टी के दीपकों के आगे बेजान नजर आ रहे है।
हिन्दुओं के चार प्रमुख त्यौहारों होली,दशहरा,रक्षाबन्धन
व दीपावली में दीपावली का अपना अलग ही महत्व है। इस दिन भगवान राम चौदह
वर्ष का वनवास पूरा कर अयोध्या लौटे थे। उनके वापिस आने के बाद अयोध्या
वासियों ने अपने घरों में घी के दीपक जलाये थे। तभी से दीपावली के दिन
प्रत्येक घरों में मिट्टी के दीपकों को जलाने का प्रचलन चला आ रहा है।
दीपावली पर्व के निकट आते ही कुम्हारों ने अपनों चाकों की
रफ्तार बढ़ा दी है। दुकानदारों द्वारा मिट्टी के दीपकों को बनाने के लिए
दिये आर्डरों को पूरा करने के लिए कुम्हारों को सुबह से देर शाम तक चाक
चलाना पड़ रहा है। इसके बावजूद भी दीपकों का आर्डर पूरा होता नहीं दिखाई
दे रहा है। वहीं बाजार में उतरे चाइनीज दीपक मिट्टी के दीपकों के आगे
बेजान नजर आ रहे है।
कुम्हार सुभाष ने बताया के वह दीपकों को बना रहे है। जिसके बाद
भी उनको मिला आर्डर पूरा होता नहीं दिखाई दे रहा है। और केवल दीपकों का
आर्डर पूरा करने में लगे है