लगातार 4 दिन बंद रहेंगे बैंक, शुक्रवार तक निपटा लें जरूरी काम

IDBI Bank, दो और सरकारी बैंकों के निजीकरण का ऐलान !

सरकारी बैंकों के कर्मचारियों ने किया हड़ताल का ऐलान !

हड़ताल से सरकारी बैंकों के कामकाज पर पडेगा असर !

नई दिल्ली !!

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में IDBI Bank बैंक अलावा दो और सरकारी बैंकों के निजीकरण का ऐलान किया था. जिसका बैंक कर्मचारी यूनियनों की ओर से लगातार विरोध किया जा रहा है. अब यूनियनों ने अगले हफ्ते दो दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया है. ऐसे में अगर आपको अगले हफ्ते बैंक से जुड़े किसी काम के लिए ब्रांच में जाना है तो पहले ये जान लें किस दिन बैंक बंद रहेंगे|

दरअसल, निजीकरण के विरोध में सरकारी बैंकों के कर्मचारियों ने 15 और 16 मार्च को हड़ताल करने का ऐलान किया है. नौ बैंक यूनियन के केंद्रीय संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स ने इस हड़ताल का ऐलान किया है. हड़ताल की वजह से सरकारी बैंकों के कामकाज पर असर होगा|

बैंक यूनियनों ने किया देशव्यापी हड़ताल का ऐलान !

देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के कामकाज पर भी इस हड़ताल का असर होने वाला है. बैंक ने स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी में कहा है कि बैंक कर्मचारियों की हड़ताल का असर बैंक के कामकाज पर पड़ सकता है. क्योंकि बैंक यूनियनों ने देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है|

बैंक कर्मचारियों की इस हड़ताल से ग्राहकों को परेशानी हो सकती है. क्योंकि लगातार 4 दिन तक सरकारी बैंक बंद रह सकते हैं. 15 मार्च को सोमवार और 16 मार्च को मंगलवार है, इन दो दिन सरकारी बैंक के कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे. जबकि इससे पहले 14 मार्च को रविवार और 13 मार्च को महीने का दूसरा शनिवार (सेकंड सटरडे) है. इस तरह से लगातार चार दिन तक सरकारी बैंक बंद रह सकते हैं|

11 मार्च को है महाशिवरात्रि का पर्व !

अगर बैंक से जुड़े जरूरी काम हैं तो फिर 11 मार्च से पहले निपटा लें. क्योंकि 11 मार्च से 16 मार्च के बीच केवल एक दिन 12 मार्च (शुक्रवार) को बैंक में पूर्ण रूप से कामकाम हो पाएगा. क्योंकि 11 मार्च को महाशिवरात्रि का पर्व है और इस मौके पर छुट्टी रहेगी. हालांकि दिल्ली में इस दिन बैंक खुले रहेंगे|

सरकारी बैंकों के निजीकरण के फैसले से सरकारी बैंकों के कर्मचारियों में डर बन गया है. कर्मचारियों को लगता है कि प्राइवेट के हाथों में बैंकों के जाने से रोजगार पर संकट आ सकता है. बैंक यूनियनों की मानें तो यह एक मिथ्या है कि केवल निजी ही कुशल होते हैं. निजीकरण न तो दक्षता लाता है और न ही सुरक्षा|

1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य !

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने अगले वित्त वर्ष (2021-22) के दौरान विनिवेश के जरिये 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. बैंकों के निजीकरण के अलावा सरकार ने एक जनरल इंश्योरेंस कंपनी को भी अगले वित्त वर्ष में निजीकरण करने का फैसला लिया है|

To get fast news, please like our Facebook and Twitter page
https://facebook.com/HapurUday,
https://twitter.com/hapuruday,
https://ehapuruday.com/home

Exit mobile version