हापुड़(अमित अग्रवाल मुन्ना)।
हापुड़ पावरलूम बुनकर एसोसियेशन व हापुड़ स्मॉल स्केल इन्डस्ट्रीज एसोसियेशन ने पावरलूम बुनकरों से सम्बन्धित फ्लैट रेट शासनादेश वर्ष 2006 को लागू करने के लिये स्पष्ट आदेश जारी करने तथा हथकरघा विभाग एवं विद्युत विभाग द्वारा बुनकरों की फर्जी व मनमानी बिल बनाकर बुनकरों का शोषण एवं उत्पीड़न किये जाने को लेकर आक्रोश व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री को ज्ञॉपन सीडीओ को सौंपा।
एसोशिएशन के अध्यक्ष पुरुषोत्तम शरण,मंत्री हाजी मौ० गुफरान अंसारी व उघमी अमन गुप्ता ने सौंपे ज्ञॉपन में कहा कि उत्तर प्रदेश में पावरलूम बुनकरों को दिनांक 14 जून 2006 के शासनादेश द्वारा अप्रैल 2006 से फिक्स रेट (फ्लैट रेट) पर विद्युत सप्लाई की जाती रही है, कभी भी कोई भी विवाद पैदा नहीं हुआ, परन्तु दिनांक 04 दिसम्बर 2019 को हथकरघा विभाग द्वारा एकाएक एक शासनादेश जारी कर बुनकरों के फ्लैट रेट शासनादेश को निरस्त कर दिया गया, जिससे पूरे प्रदेश के बुनकरों के सामने अपनी रोजी रोटी बचाने का संकट पैदा हो गया और विवश होकर पूरे प्रदेश के बुनकरों ने अपने पावरलूमों को बन्द कर हड़ताल कर दिया, जिस पर 3 सितम्बर को उत्तर प्रदेश बुनकर सभा के प्रतिनिधियों एवं हथकरघा अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल तथा 17 नवम्बर 2020 को उत्तर प्रदेश बुनकर सभा के प्रतिनिधियों व प्रदेश के अन्य बुनकर संगठनों तथा अपर मुख्य सचिव हथकरघा रामारमण के बीच विस्तृत वार्ता हुई। समस्त बैठकों में अशोक धवन जी एमएलसी व रफीक अहमद अन्सारी विधायक मेरठ उपस्थित रहे। उक्त मीटिंगों में तय हुआ और उपरोक्त दोनों अपरमुख्य सचिवों ने घोषणा किया कि दिनांक 4 दिसम्बर 2019 का शासनादेश लागू नहीं किया जाएगा और बुनकरों को फ्लैट रेट पर ही बिल जमा करना होगा, उसके बाद दिनांक 25 नवम्बर 2020 को पुनः प्रदेश के बुनकर प्रतिनिधियों, माननीय अशोक धवन जी एवं माननीय रफीक अन्सारी जी की उपस्थिति में, हथकरघा मन्त्री सिद्धार्थनाथ सिंह के साथ मीटिंग में भी मन्त्री से तय हुआ था।
उन्होंने मांग करते हुए कहा कि
तमाम बुनकरों के कनेक्शन को पावरलूम टैरिफ से हटाकर कमर्शियल कर दिया गया है, उनको पुनः पावरलूम टैरिफ में किया जाये। जिन बुनकरों ने अपना पावरलूम बन्द कर दिया है और वह अपना कनेक्शन पी०डी० कराना चाहते हैं, उनसे 14 जून 2014 के फ्लैट रेट शासनादेश के अनुसार बिल जमा कराकर फाइनल हिसाब बनाकर कनेक्शन पी०डी० कर दिया जाये। फर्जी एवं मनमाने बकाये के आधार पर जारी आर०सी० को वापस किया जायगा या गलत तरीके से लोड चेकिंग या बकाये के आधार पर बुनकरों पर दायर किया गया मुकदमा समाप्त किया जाये।