हापुड़। धौलाना क्षेत्र में डंपिंग ग्राउंड की भूमि की चहारदीवारी कराए जाने की घोषणा के बाद मामला फिर से गर्माने लगा है।
बार एसोसिएशन धौलाना और कई गांवों के ग्रामीणों ने तहसील पहुंचकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित मांग पत्र एसडीएम को सौंपा। जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए गालंद में डंपिंग ग्राउंड का निर्माण नहीं कराने की मांग की है।
मसूरी नहर पटरी के किनारे गालंद गांव के जंगल में जीडीए ने वर्ष 2018 में गाजियाबाद के कूड़ा निस्तारण करने को वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट लगाने के लिए 44.25 एकड़ भूमि खरीदी थी। जिला गालंद, खिचरा, पिपलेड़ा, मसूरी, लाखन, छिजारसी, जादोपुर समेत करीब डेढ़ दर्जन गांवों के ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। विधान सभा चुनाव से पहले ग्रामीणों ने कई माह तक धरना प्रदर्शन किया था। चुनाव के मद्देनजर उक्त भूमि की चहारदीवारी का काम रोक दिया गया था। लेकिन अब दोबारा से जीडीए द्वारा चहारदीवारी कराने के लिए हापुड़ एसपी और डीएम से फोर्स की मांग करते जनवरी के पहले सप्ताह से कार्य शुरू कराने के लिए पत्र भेजा है।
जनकल्याण किसान वेलफेयर समिति के सचिव एडवोकेट मनोज तोमर ने बताया कि किसी भी कीमत पर डंपिंग ग्राउंड को नहीं बनने दिया जायेगा। इसके लिए दोबारा से सड़कों पर उतरकर आंदोलन ही क्यों न करना पड़े। गालंद पंचायत घर पर बुधवार को पंचायत का आयोजन किया जायेगा। जिसमें आगे की रणनीति तैयार की जायेगी।
उन्होंने बताया कि इसके लिए जीडीए के पास एनओसी भी नहीं है और मामला उच्च न्यायालय एवं एनजीटी में विचाराधीन है।
ज्ञापन देने वालों में विक्रम सिंह तोमर, राजकुमार सिंह, सलीम, मीनाक्षी, अकरम, पीयूष, योगेश, अरूण कुमार, विनित शर्मा, मनु, ब्रह्मपाल, अशोक, विनोद, अभिषेक, रनदीप, हरिप्रताप, राजू उर्फ राजीव, संजय, हरिओम, उमेश, अजय, विनोद, देवपाल, रामकिशोर आदि थे।