हापुड़। स्वास्थ्य विभाग में सेवा देने वाली आशा ही लिंग परीक्षण के खेल की मास्टरमाइंड निकली। हापुड़ से लेकर हरियाणा तक की महिलाओं को दादरी निवासी आशा (अनीता) ही तैयार करती थी। 20 दिन से पीसीपीएनडीटी के नोडल डॉ. दिनेश खत्री उसकी निगरानी करा रहे थे। इस मामले में छह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई है, जबकि सात से अधिक लोगों के और शामिल होने की जानकारी मिली है।
हापुड़ जिले की सीमा में सबसे अधिक लिंग परीक्षण हरियाणा की महिलाओं के हो रहे हैं। इस साल में चार से अधिक मामले पकड़े गए हैं, हर बार अल्ट्रासाउंड करने वाले और इस खेल के मास्टर माइंड बचते रहे। करीब एक महीना पहले सीएचसी में कुछ महिलाएं आई थी, अधीक्षक से उन्होंने लिंग परीक्षण के बारे में पूछा। इस पर अधीक्षक ने उन्हें कानून का पाठ पढ़ाया।
इतने में ही एक महिला बोली कि आपके विभाग की आशा तो आसानी से यह काम करा देती हैं। डॉ. दिनेश खत्री को पीसीपीएनडीटी का नोडल भी नामित किया गया है, महिला के बोल सुनते ही वह हैरान रह गए। पूछताछ में दादरी निवासी आशा अनीता का नाम सामने आया। एक गोपनीय टीम को उन्होंने आशा की निगरानी में लगा दिया। इसी दौरान गांव सबली निवासी राहुल का नाम भी सामने आया।
इन लोगों की पूरी निगरानी की जा रही थी, बृहस्पतिवार को हरियाणा से आई महिला को गर्भ जांच कराते टीम ने रंगे हाथ पकड़ लिया। इस बार पोर्टेबल मशीन भी मिल गई, जिसे आसानी से एक से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है। टेक्नीशियन तिलकराम को रंगे हाथ पकड़ा गया। इस मामले में छह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है।
हाल ही में हुई लिंग परीक्षण की प्रमुख घटनाएं
- 10 नवंबर को हरियाणा की टीम ने हापुड़ जिले की सीमा से ही चार महिला व दो दलालों को पकड़ा था। लिंग परीक्षण का खेल तो गुलावठी में चल रहा था। लेकिन उसकी पूरी पटकथा हापुड़ में ही लिखी जा रही थी। स्थानीय स्वास्थ्य विभाग को इसकी कोई जानकारी नहीं थी। जबकि हरियाणा से आयी टीम ने कुछ ही घंटों में पूरा स्टिंग कर डाला।
- 30 जून को धौलाना में हरियाणा की टीम ने भ्रूण जांच का पर्दाफाश किया था। सूचना दिए जाने पर स्थानीय अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। लेकिन वह मशीन तक जब्त नहीं कर पाए। इस क्षेत्र में अन्य स्थानों पर भी लिंग परीक्षण के इनपुट मिले थे, लेकिन अफसरों की नाकामी यहां भी देखने को मिली।
- 29 नवंबर को धौलाना में फिर से हरियाणा की टीम ने स्टिंग किया। इस बार स्वास्थ्य विभाग में पंजीकृत अल्ट्रासाउंड सेंटर पर ही लिंग परीक्षण का खेल पकड़ा। यहां भी हरियाणा टीम की ही पूरी प्लानिंग थी, बाद में स्थानीय अफसर खुद को हीरो साबित करने में जुटे रहे।
- गढ़ क्षेत्र में सीएमओ ने निरीक्षण के दौरान एक अल्ट्रासाउंड सेंटर को सील कराया था। लेकिन वह कुछ ही दिनों में चालू हो गया। जबकि पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत सेंटर चालू कराने के लिए डीएम की अध्यक्षता में बैठक होती है। जिसमें निर्णय होने पर ही सील खुलती है।
भ्रूण जांच करना और कराना अपराध
भू्रण जांच करना और कराना अपराध है, जिले में यह खेल नहीं चलने दिया जाएगा। अमरोहा जिले में पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। आगे भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। – डॉ. दिनेश खत्री, सीएचसी अधीक्षक।