नौ दिनों तक मिलेंगे मैया के नौ रूपों के दर्शन इस त्यौहार का समापन 24 अक्टूबर को विसर्जन के साथ किया जायेगा

नौ दिनों तक मिलेंगे मैया के नौ रूपों के दर्शन इस त्यौहार का समापन 24 अक्टूबर को विसर्जन के साथ किया जायेगा

हापुड़:

भारतीय ज्योतिष-कर्मकांड महासभा के अध्यक्ष एस्ट्रो केसी पांडे (काशी) ने बताया कि प्राचीन हिंदू धर्म में देवी आराधना और आराधना का प्रमुख पर्व नवरात्र रविवार से शुरू हो रहा है।नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों क्रमश: मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंद माता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री देवी की पूजा की जाएगी। यह पर्व 24 अक्टूबर को विसर्जन के साथ संपन्न होगा। इस बार किसी भी तिथि का क्षय या वृद्धि नहीं होने से नवरात्रि अत्यंत शुभ रहेगी।’

घट स्थापना शुभ मुहूर्त

सुबह 8.55 से 11.14 स्थिर लग्न व लाभ की चौघड़िया

सुबह 10.38 से 12.27 अमृत चौघड़िया व अभिजीत मुहूर्त

दोपहर 1.30 से दोपहर बाद तीन बजे तक शुभ की चौघड़िया रहेगी।

आगमन से अच्छी वर्षा के संकेत

इस बार माता का आगमन हाथी की सवारी पर होगा जो अच्छी वर्षा होने का संकेत है। इससे धन-धान्य में वृद्धि होगी। माता का प्रस्थान दिन मंगलवार होने से पैदल आएंगी, जो भविष्य में प्राकृतिक आपदा होने के संकेत हैं।

धर्मग्रंथो के अनुसार कन्या की उम्र दो वर्ष से कम या दस वर्ष से अधिक नहीं होना चाहिए। कन्याओं के क्रम से नाम कुमारिका, त्रिमूर्ति, कल्याणी, रोहिणी, काली, चंडीका, शांभवी, दुर्गा तथा सुभद्रा के पूजन फल प्राप्त जानना चाहिए व हवन करें।

नौ दिन नहीं रख सकते व्रत तो ये तीन जरूर रखें व्रत, मिलेगा शुभ फल

दशमी 24 अक्टूबर मंगलवार को विसर्जन के बाद पारण करना चाहिए तभी पूर्ण शुभ फल की प्राप्ति होती है जो लोग नौ दिन का व्रत नहीं कर सकते हैं वो श्रद्धा भाव से प्रथम दिन व अष्टमी के दिन अथवा सप्तमी, अष्टमी व नवमी तीन दिन का व्रत रख कर मां की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

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