दिल्ली-लखनऊ हाईवे के किनारों पर चल रही है होटल-ढाबों की पार्किंग
हापुड़,
सिक्स लेन हाईवे होने पर भले ही अभी कंपनी के रेस्टोंरेंट की एनओसी जिला प्रशासन से अटकी पड़ी हो परंतु 20 से अधिक ढाबे-होटल नए बाइपास बनते ही चालू हो गए। जिनमें ढाबे-होटलों की पार्किंग बिल्कुल सड़क किनारे ही कर दी गई है। जिसमें बड़े वाहन का बिगड़ी संतुलन कभी भी बड़ा हादसा कर सकता है।
पिलखुवा से ब्रजघाट तक विकास का जिम्मा हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण पर हैं। जबकि यहां से देश की राजधानी दिल्ली को प्रदेश की राजधानी से जोड़ने वाला एनएच 09 और 24 भी गुजर रहा है। पुराना हाईवे कस्बों के बीच से होकर जा रहा था, जबकि नया बाइपास जंगल से निकाला गया है। जो अठसौनी के सामने पहुंचकर हाईवे का चौड़ीकरण कर दिया गया है। नए हाईवे पर कमाई के लिए होट ढाबों की भरमार होती जा रही है। हालांकि हाईवे किनारे होटल-ढाबों के लिए एनएचएआई और प्राधिकरण से एनओसी लेनी पड़ती है।
ग्रान बैल्ट और अन्य मानक भी होते हैं–
हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार हाईवे किनारे ग्रीन बेल्ट भी है। इसके अलावा होटल-ढाबों के निर्माण से पहले मानचत्रि पास कराना भी जरुरी है।
एनएचएआई की गाइडलाइन जरुरी–
वहीं एनएचएआई की हाईवे किनारे किसी भी कारोबार तथा होटल ढाबों के निर्माण को लेकर गाइड लाइन है। जिसके लिए एनएचएआई की एनओसी भी ली जाती है।
यहां तो खतरे के रास्ते पर चल रहे कारोबार–
अगर देखा जाए तो हाईवे किनारे चल रहे होटल की पार्किग हाईवे की सड़क तक हैं। होटल की इंटरलॉकिंग को हाईवे की रोड से ही मिला दिया गया है। एनएचएआई द्वारा लग रहे दिल्ली का सूचक बोर्ड पार्किंग के बीच में लिया हुआ है। सिक्स लेन हाईवे पर स्पीड 100 से ज्यादा रहती है। एक दिन पहले ही उपैड़ा में एक कार पलट कर दूसरी साइड पहुंच गई। जबकि तीन दिन पहले सिंभावली में एक हाईवे से गड्ढे में जा गिरी। अगर किसी वाहन का संतुलन बिगड़ा तो हाईवे पर कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
हाईवे किनारे बिना मानचित्र के अवैध ढाबे-होटल बनाए जा रहे हैं, जिनको प्राधिकरण सील कर रहा है। इसके अलावा अगर होटल की पार्किंग ही सड़क तक आ गई है तो उसकी भी जांच होगी। देखा जाएगा कि मानचित्र स्वीकृत हैं या नहीं।
प्रदीप कुमार सचिव हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण
-हाईवे किनारे कोई भी ढाबा या होटल बनाने से पहले एनएचएआई की एनओसी जरुरी है। सड़क तक पार्किंग बिल्कुल गलत हैं, जिसकी जांच की जाएगी। यह भी देखा जाएगा कि एनओसी ली हुई है या नहीं। एनएचएआई की हाईवे किनारे एक गाइडलाइन हैं, उसका पालन करना जरुरी है।
अनुज कुमार जैन पीडी एनएचएआई मुरादाबाद