अखिल भारतीय साहित्यालोक का हापड़ में आयोजित हुआ अधिष्ठापन समारोह व कवि सम्मेलन , डा. सुबोध गुप्ता राष्ट्रीय अध्यक्ष व डा. अनिल बाजपेई राष्ट्रीय महामंत्री निर्वाचित
हापुड़
हापुड़। अखिल भारतीय साहित्यालोक के तत्वावधान में यहां दिल्ली रोड स्थित प्रकाश रीजेंसी में एक राष्ट्रीय अधिष्ठापन समारोह एवं कवि सम्मेलन धूमधाम के साथ संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डा राम कुमार गुप्ता ने की मुख्य अतिथि चौधरी यशवीर सिंह राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त उत्तर प्रदेश, विशिष्ट अतिथि अपर जिला जज छाया शर्मा,राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. सुबोध कुमार गुप्ता,विशिष्ट अतिथि,संजय गुप्ता तयार वाले,विकास अग्रवाल क्षेत्रीय महामंत्री भाजपा, मनीष प्रताप ,उमेश गर्ग ने दीप प्रज्वलन करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
समारोह का संचालन डा आराधना बाजपेई ने किया।
संस्था की वार्षिक रिपोर्ट ब्रज भूषण गर्ग एडवोकेट ने प्रस्तुत की।
राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी विशाल अग्रवाल एडवोकेट ने पांच साल के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. सुबोध गुप्ता को राष्ट्रीय अध्यक्ष,डा. अनिल बाजपेई को राष्ट्रीय महासचिव एवं सत्यप्रकाश गोयल को राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष के पद की घोषणा की।
शुभेंद्रु मित्तल ने सभी दायित्वधारियों को शपथ दिलाई। बदायूं में
नई शाखा खुलने पर वंदना एवं गाजियाबाद में नई शाखा के लिए ललित को सम्मानित किया गया।
प्रदीप डेजी को नजीबाबाद एवं हापुड़ शाखा की अध्यक्ष डा आराधना बाजपेई को सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि चौधरी यशवीर सिंह राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त उत्तर प्रदेश ने कहा कि संस्था हिंदी के कार्यों को अत्यंत लगन निष्ठा एवं समर्पण के साथ कार्य कर रही है।
विशिष्ट अतिथि अपर जिला जज छाया शर्मा ने कहा साहित्यालोक के हिंदी के क्षेत्र में किए गए कार्य अत्यंत सराहनीय हैं।
डा विकास अग्रवाल ने कहा कि वे संस्था के लिए पूर्ण योगदान देने के लिए तत्पर हैं ।
संजय गुप्ता ने कहा साहित्यालोक आज वटवृक्ष का रूप धारण कर चुका है।
योगाचार्य क्षमा शर्मा शिवानी शर्मा ,को सम्मानित किया गया।
अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का संचालन करते हुए सुप्रसिद्ध कवि डा अनिल बाजपेई ने पढ़ा, ” देखो दूर गगन में चंदा लगता कितना न्यारा है पर मम्मी तेरा चेहरा उससे भी ज्यादा प्यारा है” ,” मां शब्द इतना बड़ा,क्या दूं मैं उपसर्ग, अनिल उन्हीं के पांव में बसा हुआ है स्वर्ग, डा आराधना बाजपेई ने पढ़ा,” राधा हरि की शक्ति हैं हरि राधा के प्राण राधे राधे जो जपे हो सदेव कल्याण,नजीबाबाद के कवि प्रदीप डेजी ने पढ़ा,” धड़कन में प्यास है मेरी तब तक में गाऊंगा,पांवों में जान है मेरी तब तक में आऊंगा, सांसों में सांस है मेरी जब तलक, रिश्ता में तेरे साथ ही निभाऊंगा, कवयित्री गरिमा आर्य ने पढ़ा, वतन की आन पर मर जायेंगे ,देश का नाम ऊंचा कर जायेंगे,आंख उठी वतन पर गर कोई टेढ़ी उसे जमींदोज सदा को कर जायेंगे “, मेरठ के कवि चंद्र शेखर मयूर ने पढ़ा, भारती का चेहरा न उदास चाहिए, वीरता का वही इतिहास चाहिए,,डा प्रतीक गुप्ता, ने पढ़ा पांव लड़खड़ा जाते हैं ,किसी के चेहरे पे मुस्कान लाने में,कितना कठिन होता है अपनी मजाक बनाकर दूसरों को हंसाना, लक्ष्मण यति ने पढ़ा, “बिल्ली चूहे को सिखा रही हिंसा करना पाप है,क्षण भर बाद पता लगा वह चूहा ही साफ है” विकास विजय त्यागी ने पढ़ा,” क्या भगवा क्या हरा रंग है चमन के लिए,”
डा सुबोध गर्ग राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि संस्था देश के विभिन्न शहरों में शाखाएं खोलकर हिंदी के प्रचार प्रसार के अभियान में तेजी लाएगी। उन्होंने कहा हम सभी संकल्प लें कि आज से अपने हस्ताक्षर हिंदी में ही करेंगे।
इस अवसर पर अर्चना कंसल,अनीता गुप्ता,पूनम गुप्ता,डा प्रेमलता तिवारी,डॉली सिंघल, मुक्ता शर्मा, डा सुमन अग्रवाल,मीनू शर्मा,ललित गोयल,डा गिरीश तिवारी सत्य प्रकाश सुनील कंसल,सुनील गुप्ता, प्रमोद गुप्ता,राहुल गुप्ता भगवंत गोयल,मनोज करनवाल अमित अग्रवाल,विशाल एडवोकेट,उपस्थित