रिकॉर्ड में गड़बड़ी: गर्भपात कराने वाली 25 महिलाओं का स्पष्ट पता अंकित नहीं
——–अभी ऑनलाइन न करें…….
-जांच में पूर्व प्रभारी को दोषी माना, सीएमओ की दो सदस्यीय कमेटी की जांच में खुलासा
-पूर्व प्रभारी पर एफआईआर हो सकती है दर्ज
हापुड़,
भीमनगर पीएचसी में गर्भपात प्रकरण की दो सदस्यीय कमेटी की जांच में 25 गर्भपात कराने वाली महिलाओं के स्पष्ट पता ही अंकित नहीं मिला है। जांच में पूर्व प्रभारी दोषी मानी गई हैं। इस मामले में एफआईआर दर्ज हो सकती है।
बता दें कि पूर्व में भीमनगर पीएचसी का एडी मेरठ स्वास्थ्य विभाग ने औचक निरीक्षण किया था। इसमें कुछ कमियां मिली थीं। कुछ गर्भपात के केसों का रिकॉर्ड नहीं मिला। इस दौरान पूर्व में इस्तीफा दे चुकी प्रभारी का इस्तीफा भी मंजूर हो गया था। सीएमओ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के लिए कमेटी बनाई थी। कमेटी ने जांच पूरी कर ली है। आशाओं के बयान एवं अन्य तत्थों के आधार पर जांच कमेटी ने पूर्व प्रभारी को दोषी माना है। यहां 25 गर्भपात के केस किए गए थे। कमेटी की जांच में सभी केस आठ सप्ताह से पहले के मिले हैं। जबकि गर्भपात कराने वाली सभी महिलाओं के स्पष्ट पता रजिस्टर में अंकित नहीं किए गए हैं। किसी में पति का नाम नहीं है तो किसी में मोहल्ले का नाम गायब है।
-तीन बार गर्भपात सेंटर की संचालिका बुलाई, नहीं आई
हापुड़। स्वास्थ्य विभाग ने तीन बार भीमनगर में मकान में गर्भपात सेंटर चलाने वाली संचालिका को बुलाया, लेकिन एक बार भी वह सीएमओ ऑफिस में नहीं आई है। जिसके संबंध में सीएमओ को बताया गया है।
-सीएमओ का कथन
गर्भपात प्रकरण की जांच कराई गई है। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। यहां मोहल्ले में एक गर्भपात सेंटर भी मिला है। जिसकी भी जांच जारी है। नियमों का पालन नहीं करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
-सुनील त्यागी, सीएमओ हापुड़