भाकियू ने की 450 रूपये कुन्तल गन्ने का मूल्य की मांग,सीएम को सम्बोधित ज्ञापन एडीएम को सौंपा
हापुड़
गन्ने के मुलय के लिए भारतीय किसान युनियन अराजनीतिक हापुड़ ने ज़िलाधिकारी हापुड़ के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन दिया ।
ज़िला अध्यक्ष पवन हूण ने कहा की उत्तर प्रदेश में 28.5 लाख हैक्टेयर भूमि में गन्ने की खेती की जाती है जिसमे पिछले सत्र में लगभग 24 करोड़ कुंतल गन्ना चीनी मिलों को आपूर्ति किया गया, यूपी सरकार ने चालू सत्र के लिए गन्ना मूल्य में 20 रुपए प्रति क्विंटल की मामूली बढ़ोतरी की है, जिससे उत्तर प्रदेश में गन्ना मूल्य 370 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है जो हरियाणा के मुकाबले 16 रुपए प्रति क्विंटल और पंजाब के मुकाबले 21 रुपए प्रति क्विंटल कम है। यदि गन्ना उपज पिछले वर्ष जितनी ही मान ले तो पिछले तीन वर्षो में हरियाणा के मुकाबले उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को 1200 करोड़ रूपए कम मिलेंगे । वरिष्ठ किसान नेता राजेंद्र गुर्जर ने कहा की पंजाब के भाव से तुलना की जाए तो तीन वर्षो में उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को 1464 करोड़ रूपए का सीधा सीधा नुकसान हुआ है । पिछले साढ़े सात वर्षो से जब से उत्तर प्रदेश में भाजपा की सत्ता है ,उसका हिसाब लगाया जाए तो उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को लगभग 3000 करोड़ कम मिलेंगे । ऐसा नहीं है कि उत्तर प्रदेश में पंजाब और हरियाणा के बराबर भाव नही किया जा सकता, उत्तर प्रदेश की चीनी मिलें गन्ने की कमी से जूझ रही है क्योंकि चीनी मिलों ने विगत वर्षो में अपनी पेराई क्षमता में वृद्धि की है और गन्ने और शीरे का प्रयोग इथेनॉल उत्पादन में होने से गन्ने की डिमांड बढ़ी है तथा वैश्विक स्तर पर चीनी मूल्य में उछाल आने से चीनी और इथेनॉल उत्पादन करने वाली औद्योगिक इकाइयां मोटा मुनाफा कमा रही हैं इसलिए इस समय उत्तर प्रदेश में बहुत सी जगहों पर चीनी मिले ब्लैक में 400 से 450 रुपए प्रति क्विंटल गन्ना खरीद रही हैं। इन सभी आंकड़ों से साफ जाहिर होता है कि उत्तर प्रदेश की किसान विरोधी भाजपा सरकार गन्ना किसानों की मेहनत की कमाई के पैसे को उसकी जेब में जाने से रोक रही है, ये सरकार नही चाहती कि गन्ना किसानों को उनकी मेहनत का पंजाब और हरियाणा के बराबर भी दाम मिले ।
भारतीय किसान युनियन अराजनीतिक की माँग है की महंगाई को देखते हुए 450 रूपये कुन्तल गन्ने का मूल्य दिया जाये ।
इस मौकें पर
पवन हूण, राजेंद्र गुर्जर, कटार सिंह गुर्जर, अनिल हूण, अजय त्यागी, चौधरी यशवीर सिंह, रवि भाटी, सुधाकर त्यागी, मोनू त्यागी, राजबीर भाटी, राधे लाल त्यागी, मनोज तोमर, देवेन्द्र भाटी, ओमप्रकाश त्यागी, पंकज नागर, बिनदर नागर, तेजवीर नागर सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।