हापुड़ के बेसिक शिक्षा विभाग के कुछ नवाचारी शिक्षकों द्वारा अपने साझा प्रयास और समर्पण से बच्चों के लिए एक अर्द्धवार्षिक बाल पत्रिका ” बाल उमंग ” का प्रकाशन आरंभ किया गया है। जो आर. एन. आई. द्वारा अनुमोदित है।
ज्ञात हो कि इस पत्रिका का पहला अंक जून के अंत में आया है । जुलाई और अगस्त में इस बाल पत्रिका के लोकार्पण कार्यक्रम को हापुड़ के चारों ब्लॉक में पूरे हर्षोल्लास के साथ संपन्न किया गया । डॉ संतोष उपाध्याय- (उप जिला अधिकारी धौलाना) , निशांत शिशोदिया ( ब्लॉक प्रमुख धौलाना) , पंकज चतुर्वेदी ( खंड शिक्षा अधिकारी गढ़मुक्तेश्वर) , देवेन्द्र सिंह ( खंड विकास अधिकारी , धौलाना )
श्रीमती रचना सिंह ( खंड शिक्षा अधिकारी हापुड़ ) , सर्वेश कुमार ( खंड शिक्षा अधिकारी सिंभावली ) , योगेश गुप्ता ( खंड शिक्षा अधिकारी घौलाना ) ,देवेन्द्र शिशोदिया ( जिला अध्यक्ष उ.प्र. प्राथमिक शिक्षक संघ हापुड़ ) से मिल कर पत्रिका की संपादक ऋतु श्रीवास्तव और समस्त संरक्षक सदस्यों ने बाल उमंग के लोकार्पण कार्यक्रम को अंजाम दिया ।
सभी सम्मानित अधिकारियों द्वारा शिक्षकों के इस भागीरथ प्रयास की मुक्त कंठ से प्रशंसा की गई । अधिकारियों ने कहा कि निश्चित रूप से बाल उमंग बच्चों के बहुमुखी विकास में सहायक होगी और बच्चों के अभिव्यक्ति कौशल के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी ।
“बाल उमंग” बाल पत्रिका की संपादक श्रीमती ऋतु श्रीवास्तव ने इसका श्रेय अपनी समस्त बाल उमंग टीम को देते हुए बताया कि यह कार्य सभी सदस्यों के समर्पण और मेहनत से सम्भव हो सका है । बाल उमंग के प्रकाशन के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए उन्होंने बताया कि इसका प्रकाशन बच्चों में अभिव्यक्ति एवं रचनात्मक कौशल , हिन्दी भाषा के प्रति अनुराग और पढ़ने लिखने की संस्कृति का विकास करने के लिए
किया गया है। उन्होने कहा कि हमे पूरा विश्वास है कि ” बाल उमंग ” हमारे नौनिहालों को लिखने , पढ़ने , गढ़ने की सच्ची दिशा, साहित्य के प्रति रुचि और निपुण भारत के भाषा से संबंधित लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता प्रदान करेगी ।
पत्रिका के संपादक मंडल के सदस्यों ने जानकारी दी कि बाल उमंग का एक भाग बच्चों की अभिव्यक्तियों के लिए सुरक्षित है जहां पूरे उत्तरप्रदेश के बच्चों ने विभिन्न स्तंभों के अंतर्गत अपनी अभिव्यक्तियाँ दी हैं । सरकारी विद्यालयों के बच्चों की अभिव्यक्तियों को इसमें प्राथमिकता से स्थान दिया गया है । इसके अतिरिक्त पूरे देश से यहां तक कि विदेश से भी बाल साहित्यकारों और शिक्षकों की बालोपयोगी अभिव्यक्तियाँ इसमें शामिल हैं। इसके अतिरिक्त विभिन्न प्रतियोगिताएं , रोचक जानकारी , मनोरंजक और ज्ञानवर्धक खेल और अन्य सामग्रियों को स्थान दिया गया है ।
एक महीने के अंदर ही इसकी 1200 कॉपियां बिक चुकी हैं। बाल उमंग डाक द्वारा भी देश के विभिन्न स्थानों पर बच्चों के लिए भेजी जा रही है। बाल उमंग के आगमन से सभी बच्चों में उत्साह व खुशी की लहर है।