हापुड़। जायंट्स ग्रुप ऑफ हापुड़ एवं आवासीय वृद्धाश्रम दोयमी रोड स्थित के संयुक्त तत्वावधान में हिंदू नववर्ष के उपलक्ष्य में विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कानपुर से पधारे प्रख्यात गीतकार डा राधे श्याम मिश्र ने की एवं मंच का संचालन सुप्रसिद्ध कवि डा अनिल बाजपेई ने किया।
वृद्धाश्रम प्रबंधक पूनम एवं पदाधिकारी विनीत ने सभी कवियों का पटका एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया ।
विशिष्ट अतिथि सुनील गोयल,अशोक मित्तल, गोपाल शर्मा, चेतन उस्ताद, नरेंद्र अग्रवाल,आशीष गर्ग, आशीष शर्मा,अनिल कंसल,कृष्ण अवतार शर्मा ने दीप प्रज्वलन करके कवि सम्मेलन का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर डा अनिल बाजपेई ने पढ़ा,”माता के दर पर मिलें,खुशियां अनत अपार,आओ हम सब चलें,माता के दरबार”
” मां करुणा ममतामयी ,महिमा अपरंपार, मां के चरणों में नमन,मेरा बारम्बार” गाजियाबाद से पधारी कवयित्री निवेदिता शर्मा ने पढ़ा,”कभी कंधे पर बैठा मेला तुझको दिखाया है
कभी पीठ पर बैठा घोड़ा खुद को बनाया है
जिस मंजिल पर पहुंचकर, आज इतराता है तू, वहाँ तक जाने का रस्ता, पिता ने ही बनाया है, कवयित्री गार्गी कौशिक ने पढ़ा राह कितनी भी मुश्किल सही,
हो रहा कुछ न हासिल सही,
खुद पे रखना भरोसा सदा,
दूर कितनी भी मंजिल सही। धौलाना से पधारे ओजस्वी कवि राजकुमार सिसोदिया ने पढ़ा,”करो कुछ काम तुम ऐसे जगत में नाम हो जायें।
करो माॅ-बाप की पूजा तो चारों धाम हो जायें।
माॅ-बाप को रखना लगाकर सीने से यारों,
कोई श्रवण सा बन जाएं किसी में राम हो जायें।
कानपुर से पधारे गीतकार डा राधे श्याम मिश्र ने पढ़ा,
जिंदगी में सभी की एक ही कहानी है,कहीं पे धूप छांव और कहीं आग पानी है,कौन जीता है बाजी और कौन हारा है, प्यार कर ले ओ पगले , काया आनी जानी है। नोएडा से पधारी कवयित्री शशि पाण्डेय ने पढ़ा,”तुम्हारे प्रीत में ढल कर हंसी एक शाम हो जाऊं
मै अपने नाम के आगे तेरा उपनाम हो जाऊं
तुम्हारे नाम से जाने ये दुनिया चाहत है मुझको
मिलन हो कुंभ के जैसा मै संगम धाम हो जाऊं”एश और कारण को विभिन्न कार्यों के लिए सम्मानित किया गया।
आश्रम की प्रबंधक पूनम ने सभी का आभार व्यक्त किया।
वृद्धाश्रम में हिंदू नववर्ष पर विराट कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन
