आनंदा जेनेटिक फार्म में साहीवाल नस्ल की गायों का सफल भ्रूण प्रत्यारोपण

आनंदा जेनेटिक फार्म में साहीवाल नस्ल की गायों का सफल भ्रूण प्रत्यारोपण
हापुड़।

आनंदा ग्रुप के प्रतिष्ठित आनंदा जेनेटिक फार्म में IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) तकनीक के माध्यम से 30 साहीवाल गायों में उच्च गुणवत्ता वाले भ्रूण (एंब्रियो) का प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक किया गया। इस महत्वपूर्ण पहल का उद्देश्य भारत में उन्नत नस्ल की दुधारू गायों की संख्या बढ़ाना और किसानों की आय में वृद्धि करना है।

उत्कृष्ट नस्ल के संरक्षण व संवर्धन की दिशा में बड़ा कदम

आनंदा ग्रुप के चेयरमैन डॉ. राधे श्याम दीक्षित ने साहीवाल नस्ल की गायों के संरक्षण और नस्ल सुधार के लिए IVF तकनीक को अपनाने का संकल्प लिया था। इस दिशा में आनंदा जेनेटिक फार्म के विशेषज्ञों ने आधुनिक वैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग कर उच्च दुधारू क्षमता वाली साहीवाल नस्ल की बछड़ियों के जन्म की प्रक्रिया को सफल बनाया है।

इस महत्वाकांक्षी परियोजना का लक्ष्य एक वर्ष के भीतर 100 से 200 उच्च नस्ल की बछड़ियों का उत्पादन करना है, जिससे भारतीय डेयरी उद्योग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सके। आनंदा ग्रुप इस तकनीक को किसानों तक पहुंचाकर उन्हें प्रशिक्षित करने और उनकी आय बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

नवाचार से किसानों की आय में वृद्धि का प्रयास

आनंदा ग्रुप के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. मूलचंद पाल ने बताया कि “भारतीय गायों की नस्ल सुधार कर किसानों को अधिक उत्पादक दुधारू गायें उपलब्ध कराई जा सकती हैं। इससे न केवल दुग्ध उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी।”

उन्होंने यह भी बताया कि साहीवाल जैसी देशी नस्लें न केवल अधिक दूध देने में सक्षम होती हैं, बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी सर्वोत्तम मानी जाती हैं। यह नस्ल संक्रमणों और पर्यावरणीय बदलावों के प्रति अधिक प्रतिरोधी होती है, जिससे किसानों को दीर्घकालिक लाभ होगा।

नवरात्रि के शुभ अवसर पर ‘आनंदी’ बछड़ियों का संकल्प

नवरात्रि के पावन पर्व पर, जब प्रथम चरण का भ्रूण प्रत्यारोपण किया गया, तब यह संकल्प लिया गया कि आनंदा फार्म में जन्म लेने वाली हर बछड़ी को “आनंदी” नाम दिया जाएगा। यह नाम भारतीय कृषि और डेयरी उद्योग में एक नई क्रांति का प्रतीक बनेगा।

भविष्य की योजना: उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए नई दिशा

आनंदा ग्रुप की योजना इस तकनीक को उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में प्रसारित करने की है। आने वाले समय में IVF तकनीक और भ्रूण प्रत्यारोपण के माध्यम से अधिक से अधिक किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि वे स्वयं इस तकनीक का लाभ उठाकर अपनी आय बढ़ा सकें।

इस परियोजना को सफल बनाने के लिए डॉ. मूलचंद पाल और उनकी टीम पूरी तत्परता के साथ कार्य कर रही है। आनंदा ग्रुप का उद्देश्य हमेशा से किसानों की आय में वृद्धि करना और भारतीय डेयरी उद्योग को मजबूत बनाना रहा है।

आनंदा ग्रुप की प्रतिबद्धता

आनंदा ग्रुप ने उच्च गुणवत्ता वाले दूध और डेयरी उत्पादों के उत्पादन के साथ-साथ भारतीय पशुपालन को वैज्ञानिक तकनीकों से सशक्त करने की दिशा में लगातार कार्य किया है। यह पहल भारतीय डेयरी उद्योग में एक नया अध्याय जोड़ेगी और देश के लाखों किसानों को लाभान्वित करेगी।

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