यूपी के बीएसए विवेकाधीन आदेश कर रहे हैं पारित, हापुड़ बीएसए के आदेश पर लगाई रोक
हापुड़।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया द्वारा दिए गए आदेश में नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि प्रदेश के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी लगातार विवेकहीन आदेश पारित कर रहे हैं। ऐसे आदेश बार-बार न्यायालय में आ रहे हैं। कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताते हुए प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा उत्तर प्रदेश लखनऊ से व्यक्तिगत हलफनामा भी मांगा है।
हाइकोर्ट ने हापुड़ बीएसए के 25 जनवरी 2025 को पारित आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है तथा याची शिक्षक दीपक अग्रवाल को उसके मूल विद्यालय में काम करने के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को आदेशित किया है।
हापुड़ में अध्यापक दीपक अग्रवाल के पुत्र चार्टर्ड अकाउंटेंट हर्ष अग्रवाल ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हापुर के आदेश को चुनौती देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक खरे के माध्यम से उच्च न्यायालय में याचिका पेश की थी। जिस पर न्यायालय ने कहा कि ऐसे आदेश अदालत में बार-बार आ रहे हैं जिसमें पहले निलंबित किया जाता है फिर बहाल किया जाता है और उसके बाद बृहद दंड लगाकर स्थानांतरण कर दिया जाता है।
शिक्षक के पुत्र चार्टर्ड अकाउंटेंट हर्ष अग्रवाल ने आरोप लगाते हुए बताया कि उनके पिता का पिछले एक साल से उत्पीड़न किया जा रहा है। जिसकी शुरुआत में खंड शिक्षा अधिकारी रचना सिंह द्वारा राष्ट्रीय आविष्कार अभियान के अंतर्गत क्विज प्रतियोगिता और शैक्षिक भ्रमण करवाया गया था जिसमें उनसे 70 हजार रुपए की धनराशि व्यक्तिगत रूप से खर्च कराई गई थी जिसमें से मात्र 25 हजार ही वापस मिले शेष लगभग 45 हजार रुपए की धनराशि मांगने से क्षुब्ध होकर खंड शिक्षा अधिकारी हापुड़ द्वारा दो फर्जी शिकायतकर्ताओं के माध्यम से उनके पिता पर बिना अनुमति के विदेश यात्रा करने की शिकायत दर्ज कराई गई। जांच में मांगे गए मूल पासपोर्ट और अन्य अभिलेख जमा करने के बाद भी उनके साक्ष्य गायब कराके 27 जून 2024 को अचानक उनका निलंबन कर दिया गया। जिस पर 24 जुलाई 2024 को उच्च न्यायालय द्वारा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हापुड़ द्वारा जारी आरोप पत्र को अवैध बताते हुए स्टे आर्डर जारी कर दिया गया था और 2 महीने में ही बीएसए को जांच प्रक्रिया पूरी कर नियमानुसार कार्रवाई करने का आदेश दिया था।
उन्होंने बताया कि उनके पिता द्वारा जमा कराए साक्ष्यों और माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दी गई दो माह की समय सीमा के आदेश को भी नजरअंदाज करते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हापुड़ द्वारा अपने अधिकारों का दुरुपयोग व सभी नियमों को ताक पर रखते हुए पक्षपात और बदले की भावना से लगभग 4 महीने बीत जाने के बाद 25 जनवरी 2025 को संचयी प्रभाव से उनकी दो वेतन वृद्धि को स्थाई रूप से अवरुद्ध करते हुए उन्हें विकासखंड सिंभावली के कंपोजिट स्कूल फरीदपुर गोसाई में स्थानांतरित करने का मनमाना आदेश जारी कर दिया गया।
शिक्षक के पुत्र ने यह भी बताया कि उक्त आदेश पर भी स्टे आर्डर आने की खबर से क्षुब्ध होकर अब अधिकारियों द्वारा जनवरी माह की सैलरी भी बिना किसी कारण बिना किसी नोटिस दिए हुए रोक दी गई है जिसकी शिकायत भी उनके द्वारा की गई है।
इस संबंध में हापुड़ बीएसए रितु तोमर से बात करने की कोशिश की, परन्तु बात नहीं हो सकी है।