बाबा वाले हैं , ग्रुप के तत्वावधान में लगा श्री मेंहदीपुर बालाजी महाराज का दरबार

बाबा वाले हैं , ग्रुप हापुड़ द्वारा गुरुदेव सर्वश्री शुशान्त तोमर जी के सानिध्य में श्री मेंहदीपुर बालाजी महाराज की दया और गुरुजनों की कृपा से ,होली महोत्सव दरबार का आयोजन ,सब भक्तजनों के सहयोग से किया गया
दरबार में देवीदेवताओं के मध्य गुरूदेव के ईस्ट श्री बालाजी महाराज अत्यंत मनमोहक मंत्रमुग्ध दिखाए पड़ रहे थे
परमार्थ एकमात्र उद्देश्य गुरुदेव ने अपने जीवन में साधा हुआ है तथा अपने अनुयायियों को भी बता सिखा रहे हैं क्यूँकि बड़े भाग्य मानुष तन पावा ,सुर दुर्लभ सब ग्रंथन गावा ,,चोपाई में भी भगवान की विशेष दया किरपा का वर्णन किया है ।इसी बात को आगे बढ़ाते हुए गुरुदेव ने बताया कि मानव जीवन की सार्थकता केवल और केवल प्राणिमात्र विशेषकर असहाय के सहयोग में हैं
परहित सरिस धरम नहीं भाई और सेवा परमो धर्मा , संतों के ये दो वक्तव्य बताते हैं कि सेवा अर्थात् परमार्थ से बढ़कर संसार में कुछ भी नहीं है केवल ये ही ऊपर साथ जायेगा बाक़ी सब व्यर्थप्रायः ही है
बालाजी महाराज ने ही संभवतः ये सेवा का प्रकल्प सबसे पहले लिया और जनमानस को भी यही संदेश दिया कि अपने लिए तो सब ही जीते हैं कोई ख़ास बात नहीं है ख़ास बात दूसरों के लिए जीने में हैं और ऐसा इंसान मरकर भी जीता रहता है जैसे कि संत महापुरुष स्वतंत्रता सैनानी आदि। दरबार में यूपी दिल्ली आदि जगहों से सेंकड़ो श्रद्धालु दरबार में होली मिलन के लिए सम्मिलित हुए और फूलों से होली खेलते झूमते नाचते दिखे ।बालाजी मेरे घर आना , मैया मेरी झोली भर दे , सीताराम भेजो राधेश्याम जपो आदि अनेक भजनों को गा बजकर कर भक्तों ने बाबा को रिझाया ।गुरुदेव ने कहा कि दुखी इंसान हो या आत्मा , परमात्मा की दया से ही शांति प्राप्त हो सकती है जिसमें हम सब प्रार्थना और सहयोग करके सौभाग्यशाली बन सकते हैं । गुरुदेव और सहयोगिजन हर माह एक संकीर्तन और एक दरबार स्थान स्थान पर लगाकर परमार्थ की जनजाग्रति फैलाने का भरसक प्रयास करा रहे हैं ।
संकट मुक्ति में सहयोग के साथ साथ गुरुदेव ने एक बीड़ा और उठाया है कि कहीं हम संकट ना बन जाए ,इसके लिए रास्ता दिखाने बताने हेतु जी जान से लगे हुए हैं
गुरुदेव ने सहयोगिजनों के साथ साथ शासन प्रशासन पत्रकार बंधुओं मैरिज होम जनमानस आदि सबका अनेकानेक हार्दिक धन्यवाद किया तथा आगे भी सहयोग की आशा और विश्वास के साथ अपील की ।
इसके पश्चात सबके सहयोग से भंडारा प्रसादी का वितरण किया गया जिसे पाकर सब कृतार्थ महसूस कर रहे थे

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