प्रयागराज से दो दिवसीय कार्यशाला में प्रतिभाग कर वापस लौटी दो सरकारी शिक्षिकाएं,जनपद के विद्यालयों को लिंगभेद से मुक्त करेंगे प्रशिक्षित शिक्षक



हापुड़।

समग्र शिक्षा के तहत यूनिसेफ के सहयोग से लिंगभेद को मिटाने के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान (सीमैट) प्रयागराज में आयोजित कार्यशाला में हापुड़ की दो शिक्षिकाओं ने भी इस गुर को सीखा। हापुड़ लौटने पर जिला बेसिक अधिकारी कार्यालय पर बीएसए अर्चना गुप्ता व जिला समन्वयक बालिका शिक्षा दीपा तोमर ने शिक्षिकाओं का हौसला बढ़ाया।
बीएसए अर्चना गुप्ता ने कहा कि जिले के विद्यालयों को जेण्डर भेद से मुक्त बनाने की मुहिम में हर प्रकार प्रशिक्षित शिक्षकों को सहयोग प्रदान किया जाएगा।

बीएसए कार्यालय के अनुसार कार्यशाला में जनपद के नगर क्षेत्र की शिवा प्राथमिक पाठशाला की प्रधानाध्यापिका डॉ.सुमन अग्रवाल व हापुड़ ब्लाक के कमालपुर की सहायक अध्यापिका भावना शर्मा ने बतौर संदर्भदाता प्रतिभाग किया। दोनों ने विभिन्न विषयों व विधाओं के माध्यम से प्रस्तुतीकरण दिया।

दोनों शिक्षिकाओं को निदेशक, सीमेट डॉ. सुत्ता सिंह व यूनिसेफ की सरिता के हाथों प्रमाण पत्र प्रदान कर हौसला बढ़ाया गया जेंडर भेद मुक्त अभियान के तहत प्रत्येक जिले से दो-दो शिक्षकों को पांच महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रशिक्षित किया गया। इसमें घर से विद्यालय जाने व वापस आने के रास्ते, विद्यालय के अन्दर कक्षा-कक्ष के अंदर, शिक्षकों की मनोवृत्ति और परिवार व समुदाय में जेण्डर भेद को मिटाने की कार्ययोजना पर विस्तार से जानकारी दी गई। प्रशिक्षित शिक्षक प्रत्येक विद्यालय को जेण्डर भेद मुक्त बनाने की मुहिम में अपनी सशक्त भूमिका निभाएंगे।

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