हापुड़। निदा इंटर कॉलेज में इस्लाहे मुआशरा का आयोजन किया गया। जिसमें बताया गया कि इस्लाम क्या है? इस्लाम में लड़कियों का दर्जा क्या है? दहेज और हिजाब क्यो जरूरी है। इंसान को दुनिया में भेजे जाने की वजह, आजादी या गुमराही, सूरह निशा की तफशील, मुस्लिम लड़कियों का मुर्तद होना, बदलते मुआश में तालीम परवरिश पर्दा या गुलामी, वक्त जाया होने से कैसे बचाएं आदि के बारे में बताया गया। जिसमें डॉक्टर असमा जोहर ने बताया कि औरतो में समझ जाए तो वह अपने परिवार और समाज में तरक्की ला सकती है। डॉक्टर जोहर ने औरतों को हिदायत दी। औरते तलीम से जुड़े। उन्हें कौन से काम करने हैं, कौन सी चीजों से बचना है। हमारे समाज में लड़कियो को पढ़ाने की फिकर होनी चाहिए। सभी मुस्लिम लड़कियों को पढ़ाने का जज्बा और लगन होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि इस्लाहे मुआशरा पिछले कई वर्षो से चला आ रहा है और करते रहेगें। निदा इंटर कॉलेज की चेयरमैन नजमा अली ने बताया कि इस्लाहे मुआशरा के कार्यक्रम कराने से ऐसा लग रहा है कि जैसे किसी गुलशन में फूल खिले गये हों। हमारे इस प्रोग्राम से अनेक औरतों सफल हो चुकी है और सफल होती रहेंगी। इस मौके पर ममदूहा माजिद (समाजसेवी दिल्ली), जीनत महताब (मेंबर एआईएमपीएल बोर्ड दिल्ली), शिफा अली चौधरी, हीना चौधरी (कॉर्डिनेटर), बरखा, हुमा, शिफा, अजरा, फिजा, जिया, रूमाना तथा अन्य अध्यापिकाएं उपस्थित रहे।