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देश में 85 प्रतिशत सांप जहरीले नहीं ,सांप के जहर के मुकाबले दहशत से अधिक मरते हैं लोग

हापुड़ : मानसून के सीजन में सर्प दंश की घटनाएं बढ़ जाती हैं। जागरूकता के अभाव में ये घटनाएं जानलेवा भी साबित होती हैं। लोगों को जागरूक कर इसके जोखिम को कम किया जा सकता है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डी डी एम ए) हापुड़ की अध्यक्षा व जिलाधिकारी प्रेरणा शर्मा ने सर्प दंश सुरक्षा सप्ताह का आयोजन करने और इसके जोखिम को कम करने के लिए लोगों को जागरूक करने के निर्देश सभी विभागों को दिए हैं। यह सप्ताह चार अगस्त तक चलेगा। जिलाधिकारी का मानना है कि लोगों को जागरूक कर सर्प दंश के जोखिम को कम किया जा सकता है।
जिला पंचायत राज अधिकारी वीरेंद्र सिंह ने सभी सहायक विकास अधिकारी पंचायत और ग्राम पंचायत सचिवों को निर्देशित किया है कि सर्प दंश सप्ताह को प्रभावी बनाएं और इसके जोखिम को कम करने के लिए ग्रामीणों को जागरूक करें। उन्होंने सर्प दंश के इस जोखिम को कम करने और लोगों में सुरक्षा की भावना बढ़ाने के लिए एक बैठक कर पूरे मनोयोग से ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए प्रेरित किया। ग्रामीणों को बताएं की क्या करें और क्या न करें इसके बारे में सहायक विकास अधिकारी पंचायत और ग्राम पंचायत सचिवों को बताया गया।
सर्पदंश से ऐसे करें बचाव:
1- जिसे सांप ने काटा है उसे ढांढस बढाएं। उससे कहें कि कई बार यह सांप लोगों को काट चुका है लेकिन कुछ नहीं हुआ। सांप जहरीला नही है। यह भी बतायें के देश में 85 प्रतिशत सांप जहरीले नहीं होते हैं।सांप के जहर के मुकाबले दहशत से लोग अधिक मरते हैं।
2- सांप के काटने का निशान दिखाई दे रहा हो तो उसके उपर और नीचे कुछ इंच पर टाइट बांध दें। लेकिन ऐसा न बांधे की खून का प्रवाह ही बंद हो जाए। खून प्रवाह को कम करने के लिए बांधना है। 10 मिनट से अधिक समय तक बंधा हुआ नहीं होना चाहिए।

3- जिसे सांप काटा हो उससे बात करते रहें। कोशिश करते रहें कि वह देखा हो तो सांप का हुलिया बता दे। सांप का हुलिया डाक्टर को इलाज करने में मददगार हो सकता है। लेकिन जिसे सांप काटा है उसे डाक्टर के पास तुरंत ले जाएं।

4- जिस भाग में सांप काटा है उसे उपर कर दें खून का प्रवाह कम हो जाएगा।

5- काटे हुए भाग को साफ पानी से धोएं और पीड़ित को चलने फिरने न दें। कोशिश करें वह उत्तेजित न होने पाए।

6- सांप काटे व्यक्ति को सोने न दें उसके साथ बात करते रहें।

7- तंग कपड़े, घड़ी अंगूठी आदि उतार दें।

8- घास फूस वाले इलाके से गुजर रहे हैं तो मजबूत चमड़े के कपड़े पहनें।

9- पीड़ित को कोई भी पेयपदार्थ न दें, सांप काटने पर प्यास अधिक लगती है और गला सूखने लगता है।

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