सुरेंद्र कुशवाहा (फाइल फोटो)
– फोटो : अमर उजाला
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हैदरगंज गांव निवासी सुरेंद्र कुशवाहा (42) आर्मी के 325 बटालियन पंजाब के फिरोजपुर में तैनात थे। वह प्रशिक्षण के लिए पंजाब से पोखरण आए हुए थे। वहां से कोविड-19 का टीका लगवाने के लिए जवान साथियों के साथ जेसलमेर सेना के एंबुलेंस से गए थे। वहां से वह टीकाकरण के बाद एंबुलेंस से कैंप वापस लौट रहे थे। इसी दौरान बोलेरो को बचाने के चक्कर एंबुलेंस पलट गई।
गंभीर रूप से घायल सुरेंद्र कुशवाहा को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इधर घटना की जानकारी मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। पिता सत्यदेव कुशवाहा एवं माता सोमवारी देवी के बिलखने से गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है।
दो भाइयों में सुरेंद्र बड़े थे, जबकि छोटा भाई सुनील कुशवाहा प्राइवेट स्कूल में पढ़ाता है। जवान सुरेंद्र कुशवाहा का परिवार जोधपुर में रहता है। इधर, घटना की जानकारी होते ही पत्नी गीतांजली देवी, पुत्र संजीव कुशवाहा और सिद्धार्थ के बिलखने से मातम पसरा हुआ है। छोटे भाई सुनील कुशवाहा ने बताया कि पार्थिव शरीर 14 मार्च की शाम तक आने की संभावना है।
हैदरगंज गांव निवासी सुरेंद्र कुशवाहा (42) आर्मी के 325 बटालियन पंजाब के फिरोजपुर में तैनात थे। वह प्रशिक्षण के लिए पंजाब से पोखरण आए हुए थे। वहां से कोविड-19 का टीका लगवाने के लिए जवान साथियों के साथ जेसलमेर सेना के एंबुलेंस से गए थे। वहां से वह टीकाकरण के बाद एंबुलेंस से कैंप वापस लौट रहे थे। इसी दौरान बोलेरो को बचाने के चक्कर एंबुलेंस पलट गई।
गंभीर रूप से घायल सुरेंद्र कुशवाहा को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इधर घटना की जानकारी मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। पिता सत्यदेव कुशवाहा एवं माता सोमवारी देवी के बिलखने से गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है।
दो भाइयों में सुरेंद्र बड़े थे, जबकि छोटा भाई सुनील कुशवाहा प्राइवेट स्कूल में पढ़ाता है। जवान सुरेंद्र कुशवाहा का परिवार जोधपुर में रहता है। इधर, घटना की जानकारी होते ही पत्नी गीतांजली देवी, पुत्र संजीव कुशवाहा और सिद्धार्थ के बिलखने से मातम पसरा हुआ है। छोटे भाई सुनील कुशवाहा ने बताया कि पार्थिव शरीर 14 मार्च की शाम तक आने की संभावना है।