एक माह तक चलने वाले देश के एकमात्र शहीद मेलें का हापुड़ में हुआ शुभारंभ

एक माह तक चलने वाले देश के एकमात्र शहीद मेलें का हापुड़ में हुआ शुभारंभ

हापुड़।

1857 के शहीदों की याद में एक माह तक लगने वालें शहीद मेलें का संग्राम शहीद स्मारक समिति के तत्वावधान में शुभारंभ किया गया। समिति के अध्यक्ष ललित छावनी और अन्य पदाधिकारियों ने फीता काटकर मेले का उद्घाटन किया। शहर के गणमान्य लोगों ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

अध्यक्ष ललित छावनी वालों ने बताया कि दिल्ली रोड स्थित रामलीला मैदान के बाहर एक पीपल का पेड़ है। इसी पेड़ पर अंग्रेजों ने दौलाना के चार देशभक्तों को फांसी दी थी। 1975 तक यह पेड़ उपेक्षित रहा। 10 मई 1975 को पत्रकार स्वर्गीय कैलाश आजाद ने अपने साथियों के साथ यहां पहला शहीद दिवस मनाया। 1976 से प्रतिवर्ष 10 मई को शहीद मेला और प्रदर्शनी का आयोजन होता है।

महामंत्री मुकुल त्यागी ने बताया कि शहीदों की स्मृति में मेला लगाना उनकी याद को जीवित रखने का प्रयास है। यह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता है। देशभर में केवल हापुड़ में ही एक माह तक शहीदों की याद में मेला लगता है।

कार्यक्रम में श्री चंडी मंदिर समिति के अध्यक्ष संजय गुप्ता, नानक चंद शर्मा, अनिल आजाद, फसीह चौधरी, आशुतोष आजाद, दीपक शर्मा, लोकेश छावनी, विशाल गुप्ता और अरविंद शर्मा सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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