हापुड़ (अमित अग्रवाल मुन्ना)।
16 दिन से डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के निर्माण की धनराशि 134 करोड़ को लेकर आंदोलनरत वकीलों ने दिल्ली में केन्द्रीय मंत्री के यहां पहुंच न्याय की गुहार लगाते हुए धनराशि आंवटन की मांग की और एक ज्ञॉपन सौंपा। उधर पश्चिमी उ.प्र. के वकीलों ने दिया हापुड़ के वकीलों को समर्थन दिया।
बार अध्यक्ष अजीत चौधरी व सचिव रविन्द्र निमेष के नेतृत्व में वकीलों का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली में केन्द्रीय मंत्री विश्वेश्वर दुडु से मिला और डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के निर्माण की धनराशि दिलवानें की मांग करते हुए एक ज्ञॉपन सौंपा।
ज्ञॉपन में कहा गया कि जनपद हापुड़ को सृजित हुए लगभग 11 वर्ष व्यतीत हो चुके है। जनपद हापुड में तहसील स्तर पर निर्मित बिल्डिंग व भूमि में जनपद न्यायालय की स्थापना 07 फरवरी, 2015 को हुई थी जनपद न्यायालय के गठन से पूर्व हापुड़ तहसील में केवल 7 कोर्ट कार्य कर रही थी।
वर्तमान में उसी पूर्व बिल्डिंग व भूमि में 18 न्यायालय कार्य कर रहे हैं। जिनमें से 6 न्यायालय करीब 01 कि0मी0 की दूरी पर नगर पालिका में स्थित डायट की जर्जर व बदहाल बिल्डिंग में व करीब 4 कि०मी० की दूरी पर किशोर न्यायालय व मोटर दुर्घटना न्यायालय तथा श्रम न्यायालय किराये की बिल्डिंग में तथा करीब 800 मीटर की दूरी पर उपभोक्ता फोरम किराये की बिल्डिंग में चल रहे हैं तथा जनपद न्यायालय की बिल्डिंग से करीब 5 कि0मी0 की दूरी पर हापुड़ कलेक्ट्रेट न्यायालय परिसर है जिससे आमजन वादकारियों एवं अधिवक्ताओं को काफी परेशानी हो रही है।
उन्होंने कहा कि न्यायालय की पुरानी बिल्डिंग शहर के बीचोबीच होने से शहर में प्रतिदिन भयंकर जाम लग जाता है जिससे वादकारियो व अधिवक्ताओ का काफी समय एवं धन का अपव्यय हो रहा है और आमजनता को भी बहुत परेशानी हो रही है। जनपद न्यायालय की बिल्डिंग के आसपास कोई पार्किंग की व्यवस्था नहीं है जिस कारण न्यायालय आने वाले व्यक्तियो के सभी वाहन सड़क पर खड़े होते हैं जो जाम का मुख्य कारण है।
जनपद के निर्माण के पश्चात नवीन कलेक्ट्रेट बिल्डिंग, रजिस्ट्री कार्यालय, सरकारी अस्पताल जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का कार्यालय व अन्य सरकारी दफ्तर बन चुके हैं और जिला जेल के लिये भी भूमि आवंटित हो चुकी है केवल जनपद न्यायालय के लिये ही भूमि आवंटित नहीं हुई है। माननीय उच्च न्यायालय एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जनपद न्यायालय के लिये स्थान हेतु स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिये गये है। उक्त परिप्रेक्ष्य में स्थानीय प्रशासन द्वारा हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण की 32.99 एकड़ भूमि चिन्हित की गयी है।
उक्त चिन्हित भूमि कलेक्ट्रेट भवन हापुड़ के नजदीक है तथा जनता, वादकारियो, अधिवक्ता, न्यायिक अधिकारियों के आवागमन के लिये पूर्णतः सुविधाजनक है। उक्त भूमि के संबंध में जनपद न्यायाधीश, हापुड़ द्वारा संस्तुति कर विशेष कार्यधिकारी (न्यायिक) (इन्फास्ट्रक्चर) अधीनस्थ न्यायालय माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद को दिनांक 30-11-2021 को उक्त प्रस्तावित भूमि 32.99 एकड़ संशोधित आगणन 1,43,71,32,010/- रूपये की धनराशि शासन से आवंटित कराये जाने हेतु पत्र प्रेषित किया था लेकिन इसके पश्चात भी शासन के द्वारा उक्त धनराशि जारी नहीं की गयी है।
अधिवक्तागण जिला न्यायालय की भूमि के लिये कई वर्षो से आन्दोलनरत है तथा अधिवक्तागण समय-समय पर जनप्रतिनिधियो व प्रशासनिक अधिकारियों को अनगिनत ज्ञापन दे चुके हैं तथा व्यक्तिगत रूप से भी मिल चुके हैं लेकिन जनता के हित में उक्त धनराशि आज तक भी जारी नहीं हुई है। उक्त परिस्थितियो में जनपद
हापुड़ की जनता, वादकारी व अधिवक्ता बहुत परेशानी में है। हापुड़ बार एसोसिएशन का आपसे विनम्र निवेदन है कि हापुड़ जनपद की जनता, वादकारियों एवं अधिवक्ताओं के हित में नवीन जनपद न्यायालय हापुड़ के लिए शासन से प्रस्तावित भूमि हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण 32.99 एकड़ के लिए धनराशि 1,43,71,32,010 /- रूपये (एक अरब तैतालिस करोड़ इकहत्तर लाख बत्तीस हजार दस रूपये) जारी कराने की कृपा करें।