हापुड़।
अपर जिला एवं सत्र सत्र न्यायाधीश त्वरित न्यायालय द्वितीय कोर्ट ने सात वर्ष से भी अधिक समय की लंबी सुनवाई के बाद अवैध संबंधों के चलते व्यक्ति की हत्या करने के मामले में मंगलवार को निर्णय सुनाया। जिसमें पति-पत्नी सहित तीन लोगों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही तीनों दोषियों पर तीस-तीस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सौरभ रुहेला ने बताया कि गांव कांवी निवासी हरिओम पुत्र राजवीर ने पिलखुवा कोतवाली में 12 जनवरी 2016 को अपने भाई राजकमल उर्फ राजेश के कई दिन से लापता होने पर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसके बाद हरिओम ने 16 जनवरी 2016 को पुलिस को दोबारा से तहरीर देते हुए अपने भाई राजकमल की अवैध संबंधों के चलते अपहरण के बाद हत्या होने की बात कही। हरिओम ने कहा कि जब वह
अपने भाई की तलाश कर रहा था तो कुछ लोगों ने बताया कि उन्होंने राजकमल को गांव खेड़ा थाना पिलखुवा निवासी अनेकपाल पुत्र दुर्गा सिंह के घर पर देखा था। जिस पर अनेकपाल व बिजनेश ने मिलकर उसका भाई का अपहरण कर हत्या कर दी गई है। पुलिस मामले की संबंधित धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी। जांच में पुलिस ने पाया कि अनेकपाल व बिजनेश के अलावा अपहरण व हत्या में दो अन्य व्यक्ति रिफाकत व आसिफ भी शामिल है। पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ अपहरण, हत्या सहित विभिन्न धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर आरोप पत्र न्यायालय में पेश किए।
इस मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र सत्र न्यायाधीश त्वरित न्यायालय द्वितीय कोर्ट में चल रही थी। मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से कई गवाह व मजबूत साक्ष्य न्यायालय के समक्ष पेश किए। मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश छाया शर्मा ने आरोपी अनेकपाल, बिजनेश व रिफाकत को हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वहीं, मामले के चौथे आरोपी आसिफ को न्यायालय ने साक्ष्य के आभाव में दोषमुक्त करार दिया है