हापुड़ ।
हापुड स्माल स्केल इंडस्ट्रीज एसोसिएसन के सचिव अमन गुप्ता ने केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की जनरल सैकेट्री (टैक्सटाइल मंत्रालय) रचना शाह को ज्ञापन सौंपा। जिसमें औद्योगिक इकाईयों के मानचित्र स्वीकृति के समय अलग अलग विकास शुल्क का मामला जोर शोर उठाया।
उन्होंने बताया कि दिलचस्प बात यह है कि हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण विकास शुल्क अलग दर से लेता है। और यहां से मात्र तीस किलो मीटर दूर मेरठ विकास प्राधिकरण में अलग विकास शुल्क की दर है। इससे उद्यमी का उत्पीड़न हो रहा है।
दिल्ली के एक होटल में सीआईआईए की एक बैठक हुई। जिसमें हापुड स्माल स्केल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के सचिव अमन गुप्ता केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की सचिव को ज्ञापन सौंपते हुए अमन गुप्ता ने बताया कि शासन द्वारा जारी शासनादेश एवं विकास शुल्क नियमावली के क्रम में विकास शुल्क उद्धरण करने की पृथक पृथक प्रक्रिया अपनायी जा रही है, जिसके दृष्टिगत यह स्पष्ट किया जाना समीचीन होगा कि किस पद्धति के अनुसार लघु उद्योगों के मानचित्रों में विकास शुल्क की गणना की जाए। इस संबंध में उदाहरण सहित मार्ग दर्शन दिया जाए।
ज्ञापन में अमन गुप्ता ने कहा कि लघु उद्योगों के मानचित्रों के विकास शुल्क की मनमानी गणना करके लघु उद्योगों का शोषण किया जा रहा है। जिसके संबंध में मेरठ मंडल की आयुक्त को अवगत कराया गया। उन्होंने इस संबंध में एक पत्र उत्तर प्रदेश शासन, आवास एवं शहरी नियोजन लखनऊ को भेजा, लेकिन पत्र भेजने के बाद आज तक इस संबंध में उद्यमियों की समस्या का समाधान नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि लघु उद्योगों के मानचित्रों में विकास शुल्क की गणना के संबंध में कोई निर्धारित पैमाने नहीं होने के कारण लघु उद्योगपतियों को भारी आर्थिक क्षति के साथ साथ मानसिक उत्पीड़न सहन करना पड़ रहा है।
हापुड स्माल स्केल इंडस्ट्रीज एसोसिएसन के सचिव अमन गुप्ता ने अनुरोध किया कि इस मामले में आवश्यक कार्रवाई की जाए। लघु उद्योगों के मानचित्रों के विकास शुल्क की गणना सुनिश्चित की जाए जो लघु उद्योगों के हित में आवश्यक है।
हापुड स्माल स्केल इंडस्ट्रीज एसोसिएसन के सचिव अमन गुप्ता ने बताया कि दिल्ली एनसीसीआर का प्रमुख जनपद हापुड़ का सृजन वर्ष 2011 में हुआ था लेकिन दुर्भाग्य है कि अभी तक औद्योगिक क्षेत्र नहीं बन सका है। इससे उद्यमी काफी परेशान हैं। हापुड़ से सड़क और रेल मार्ग की कनेक्टिविटी काफी अच्छी है। प्रधानमंत्री रोजगार योजना के संबंध में बताया कि बैंक इस योजना के तहत पूरी तरह ऋण नहीं दे रहे हैं, इससे उद्यमियों को लाभ नहीं मिल पा रही है। विद्युत की परेशानी से अवगत कराते हुए बताया कि इस समस्या के कारण उद्यमी परेशान हैं. फैक्ट्रियों का संचालन मुश्किल हो रहा है।