गंगा आरती देखने पहुंचे राष्ट्रपति
– फोटो : अमर उजाला
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यह पहला मौका था कि जब राष्ट्रपति ने मां गंगा की आरती में शिरकत की। मां गंगा की आरती देखकर राष्ट्रपति अभिभूत हो गए। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपति को स्मृति चिह्न दिया। मुख्यमंत्री ने विश्वनाथ धाम का नक्शा दिखाकर भविष्य की कार्ययोजना के बारे में बताया। मुख्यमंत्री ने वाराणसी में चल रही विकास परियोजनाओं, गंगा सफाई अभियान के बारे में राष्ट्रपति को विस्तार से बताया।
दोपहर बाद 2:40 बजे राष्ट्रपति वायुसेवा के विमान से काशी के बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचे। यहां राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, महापौर मृदुला जायसवाल ने उनका भव्य स्वागत किया। तीन दिवसीय दौरे के पहले दिन काशी पहुंचे राष्ट्रपति को मुख्यमंत्री ने शाल ओढ़ाया और पुष्प गुच्छ दिया। यहां से सेना के हेलीकॉप्टर से वह बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) पहुंचे।
बरेका में रात्रि विश्राम के बाद दूसरे दिन रविवार को राष्ट्रपति सोनभद्र के सेवाकुंज जाएंगे। वहां वनवासी समागम में हिस्सा लेंगे। सेवाकुंज की नई बिल्डिंग का उद्घाटन करेंगे। यहां से मिर्जापुर स्थित अष्टभुजा मंदिर और विंध्याचल मंदिर में दर्शन पूजन करने जाएंगे। वहां से लौटकर बरेका आएंगे। यहां रात्रि विश्राम करेंगे।
यह पहला मौका था कि जब राष्ट्रपति ने मां गंगा की आरती में शिरकत की। मां गंगा की आरती देखकर राष्ट्रपति अभिभूत हो गए। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपति को स्मृति चिह्न दिया। मुख्यमंत्री ने विश्वनाथ धाम का नक्शा दिखाकर भविष्य की कार्ययोजना के बारे में बताया। मुख्यमंत्री ने वाराणसी में चल रही विकास परियोजनाओं, गंगा सफाई अभियान के बारे में राष्ट्रपति को विस्तार से बताया।
दोपहर बाद 2:40 बजे राष्ट्रपति वायुसेवा के विमान से काशी के बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचे। यहां राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, महापौर मृदुला जायसवाल ने उनका भव्य स्वागत किया। तीन दिवसीय दौरे के पहले दिन काशी पहुंचे राष्ट्रपति को मुख्यमंत्री ने शाल ओढ़ाया और पुष्प गुच्छ दिया। यहां से सेना के हेलीकॉप्टर से वह बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) पहुंचे।
बरेका में रात्रि विश्राम के बाद दूसरे दिन रविवार को राष्ट्रपति सोनभद्र के सेवाकुंज जाएंगे। वहां वनवासी समागम में हिस्सा लेंगे। सेवाकुंज की नई बिल्डिंग का उद्घाटन करेंगे। यहां से मिर्जापुर स्थित अष्टभुजा मंदिर और विंध्याचल मंदिर में दर्शन पूजन करने जाएंगे। वहां से लौटकर बरेका आएंगे। यहां रात्रि विश्राम करेंगे।