कानपुर देहात के पूर्व व वर्तमान जिलाधिकारियों को आदेश के पालन का निर्देश

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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कानपुर देहात के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह को अदालत के आदेश का पालन के लिए एक सप्ताह का समय दिया है और अनुपालन न करने की दशा में पूर्व जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र के साथ 25 मार्च को हाजिर होने का निर्देश दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति वीके बिड़ला ने अर्चना मिश्रा की द्वितीय अवमानना याचिका पर दिया है। जिलाधिकारी ने शिक्षामित्र याची को बिना शिक्षा समिति के प्रस्ताव के हटा दिया। हाईकोर्ट ने इस आदेश को रद्द कर दिया। फिर भी याची को कार्यभार नहीं सौंपा गया। इस आदेश का पालन न करने पर दाखिल अवमानना याचिका को निस्तारित करते हुए कोर्ट ने आदेश पालन का दो माह में करने के लिए कहा।

फिर भी पालन नहीं किया तो दोबारा अवमानना याचिका दाखिल हुई। कोर्ट ने आदेश का पालन करने या हाजिर होने का आदेश दिया। कहा गया कि पूर्व जिलाधिकारी का तबादला हो गया है, इसपर कोर्ट ने कहा कि तबादला होने के आधार पर कोर्ट के आदेश की अवहेलना का अधिकार नहीं मिल जाता। कोर्ट ने वर्तमान जिलाधिकारी को पक्षकार बनाते हुए आदेश पालन के लिए एक सप्ताह का समय दिया है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कानपुर देहात के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह को अदालत के आदेश का पालन के लिए एक सप्ताह का समय दिया है और अनुपालन न करने की दशा में पूर्व जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र के साथ 25 मार्च को हाजिर होने का निर्देश दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति वीके बिड़ला ने अर्चना मिश्रा की द्वितीय अवमानना याचिका पर दिया है। जिलाधिकारी ने शिक्षामित्र याची को बिना शिक्षा समिति के प्रस्ताव के हटा दिया। हाईकोर्ट ने इस आदेश को रद्द कर दिया। फिर भी याची को कार्यभार नहीं सौंपा गया। इस आदेश का पालन न करने पर दाखिल अवमानना याचिका को निस्तारित करते हुए कोर्ट ने आदेश पालन का दो माह में करने के लिए कहा।

फिर भी पालन नहीं किया तो दोबारा अवमानना याचिका दाखिल हुई। कोर्ट ने आदेश का पालन करने या हाजिर होने का आदेश दिया। कहा गया कि पूर्व जिलाधिकारी का तबादला हो गया है, इसपर कोर्ट ने कहा कि तबादला होने के आधार पर कोर्ट के आदेश की अवहेलना का अधिकार नहीं मिल जाता। कोर्ट ने वर्तमान जिलाधिकारी को पक्षकार बनाते हुए आदेश पालन के लिए एक सप्ताह का समय दिया है।

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