पति-पत्नी को बदमाशों ने घर में घुसकर मारी थी गोली,
मेरठ,
मेरठ जनपद में न तो कोई घर में सुरक्षित है, न ही बेगमपुल जैसे भरे बाजार में। बदमाश कहर बरपा रहे हैं, मगर जनता की हिफाजत का दम भरने वाली खाकी वर्दी गहरी नींद में है। चौकी से सौ और थाने से पांच सौ मीटर की दूरी पर लूट और हत्या हो गई। फिर भी चौकी इंचार्ज ने काल नहीं उठाई। थाना प्रभारी को बाइक से 500 मीटर की दूरी तय करने में 25 मिनट लग गए।
बदमाशों ने पुलिस के इकबाल को भी चुनौती दी है। व्यापारियों में पुलिस के खिलाफ बेहद आक्रोश है। अफसरों ने जल्द पर्दाफाश का आश्वासन दिया, लेकिन इस रस्मअदायगी ज्यादा जरूरी है कि शहर में अपराध होने से रोका जाए। घटना के बाद एडीजी राजीव सभरवाल, आइजी नचिकेता झा और एसएसपी रोहित सजवाण ने मौके पर पहुंचकर व्यापारियों को भरोसा दिलाया कि उनकी सुरक्षा को कड़ी प्लानिंग की जाएगी।
पूरी प्लानिंग से हुई लूट
बदमाशों को पहले से पता था कि नवीन और स्वाति बच्चों को स्कूल छोड़ने जाते हैं, उस समय घर पर बुजुर्ग दंपती अकेले रहते हैं। पुलिस भी सुबह को गहरी नींद में रहती है, कहीं कोई चेकिंग तक नहीं होती। धनकुमार जैन के घर लूट व हत्या की वारदात से पहले टीपीनगर में अधिवक्ता अंजली गर्ग की हत्या भी सुबह सात बजे ही की गई थी। बेगमपुल पर बदमाशों ने सुबह 11 बजे ही लूट की वारदात को अंजाम दिया था। इतना ही नहीं वाक करने और मंदिर जाने वाली महिलाओं से चेन और मोबाइल लूट की वारदात भी सुबह को ही रही है। इसके बावजूद सुबह की घटनाओं को रोका नहीं जा रहा है।
अंशिका की आपबीती सुन सिहर उठे लोग
गुरुवार की सुबह जैन परिवार के लिए काला अध्याय लिख गई। 14 साल की अंशिका ने पुलिस को सारी घटना बताई तो हर कोई सिहर उठा। धनकुमार की पौत्री अंशिका कक्षा 11 की छात्रा है। उसके विद्यालय जाने से इन्कार करने पर सात बजकर दस मिनट पर पिता नवीन व मां स्वाति उसके छोटे भाई भव्य को स्कूल छोड़ने चले गए। नवीन और स्वाति जाते समय घर का गेट खुला छोड़ गए थे। 15 मिनट बाद ही बदमाश घर में घुसे। बदमाशों ने सबसे पहले अभिषेक से मोबाइल छीना और लैपटाप बंद कर दिया।
पिस्टल कनपटी पर सटाकर रस्सी से हाथ-पैर बांधकर बेड पर लिटा दिया और कमरा बंद कर दिया। बराबर के कमरे में धनकुमार और उनकी पत्नी अंजू थी। धनकुमार ने बदमाशों की पहचान कर ली तो बदमाशों ने पहले धनकुमार के सीने में गोली मार दी। सुहाग उजड़ता देखकर अंजू बदमाशों पर टूटी तो उन्हें भी दो गोली मारी गईं। गोली की आवाज सुनकर अंशिका वहां पहुंची तो बदमाशों ने उसके हाथ-पैर रस्सी से बांध दिए और उसके कमरे में ही बंद कर दिया। इसके बाद सेफ से गहने और नकदी लूटकर फरार हो गए।