बाल श्रम मुक्त अभियान: 30 दिन में मुक्त हुए 35 बच्चें
-शासन ने पांच साल में यूपी को बाल श्रम मुक्त कराने के हर जिले को दिए आदेश
-2022 में 102 बच्चे 365 दिन में श्रम विभाग ने कराए थे मुक्त, जून माह में करा दिए 35 बच्चे
-अभियान को चलाने के लिए तहसील स्तर पर प्रशासन, पुलिस, एएचटीयू और श्रम विभाग करेगा कार्रवाई
-एक सप्ताह में दो दिन सघन चैकिंग अभियान से पकड़े जाएंगे बालकों से काम करेना वाले
हापुड़,
श्रम विभाग समय-समय पर अभियान चलाकर बाल मजदूरों को मुक्त कराता है लेकिन बाल मजदूरी का सिलसिला थमा नहीं है। इस साल जून माह में 35 बाल श्रमिकों को बाल मजदूरी से मुक्त कराया गया है। पिछले साल 102 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया था। शासनादेश आने के बाद डीएम ने तीनों तहसील में टीमों का गठन कर दिया है। जो सप्ताह में दो दिन संघन चैकिंग अभियान चलाएंगी।
प्रदेश सरकार ने फिर से सभी जिला प्रशासन को बाल श्रम मुक्त करने के आदेश जारी कर दिए हैं। जिसको लेकर जिलों में टीमों का गठन किया जा रहा है। हापुड़ जिले में तीन टीमों का गठन कर दिया गया हैं। जिसमें हापुड़, धौलाना तथा गढ़ में टीम काम करेंगी। टीम में प्रशासन, पुलिस, एएचटीयू और श्रम विभाग के अधिकारी शामिल रहेंगे। सप्ताह में दो दिन अपने अपने क्षेत्र में सघन चैकिंग कर बाल श्रम मुक्त कराएंगे।
भट्ठे से लेकर शोरूम तक कर रहे काम———-
बाल कल्याण समिति ने साल में अभी तक करीब 43 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया। जबकि श्रम विभाग ने 2022 में 102 बच्चे मुक्त कराए गए। जून माह में 35 बच्चे मुक्त कराए है।
शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा
शिक्षा ही ऐसा अचूक हथियार है, जो धूल के फूलों को खिला सकती है। दुकानों व अन्य प्रतिष्ठानों पर बाल श्रम करने वाले बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने का सार्थक प्रयास किया जाएगा। अफसरों का कहना है कि अभियान चलाकर पहले इन्हें मुक्त कराया जाएगा। फिर उन्हें नजदीक स्कूलों में प्रवेश दिलाने का कार्य किया जाएगा। वैसे तो समय समय पर अभियान चलाकर बाल श्रमिकों को मुक्त कराया जाता है, लेकिन अब जिले को बाल श्रम मुक्त करना है। डीएम प्रेरणा शर्मा के आदेश पर तीन टीमों का गठन कर दिया है। मंगलवार को पिलखुवा में अभियाल चलेगा। सरकार पांच साल में बाल श्रममुक्त प्रदेश करेगी।
सर्वेश कुमारी सहायक श्रम आयुक्त