प्राधिकरण के दोनों गेट पर धरना सीईओ के लिए बना ‘जी का जंजाल’, जानिए क्या है सफाईकर्मियों और किसानों की मांग
Greater Noida : ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के नए सीईओ के लिए किसानों और सफाईकर्मियों का धरना जी का जंजाल बनता जा रहा है। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के गेट नंबर-1 पर सफाईकर्मी अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं तो वहीं गेट नंबर-2 पर हजारों की संख्या में किसान इकट्ठा होकर बैठे हुए हैं।
सफाईकर्मियों का आरोप
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर धरना देने वाले सफाईकर्मी सुबह के समय आते हैं और शाम को चले जाते हैं, लेकिन अपनी दरी और चादर वहीं पर छोड़ जाते हैं। सफाईकर्मियों का आरोप है कि उनसे ठेकेदारों ने भर्ती के नाम पर 50 हजार से एक लाख रुपए रिश्वत के रूप में लिए हैं। उसके बावजूद उनको वह सुविधा नहीं दी जा रही, जो ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अंदर सफाई करने वाले लोगों को दी जा रही है।
जनवरी 2023 को बढ़ाई थी सैलेरी, लेकिन हमको नहीं मिली
सफाईकर्मियों का कहना है कि बीते जनवरी 2023 को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अंदर सफाई करने वाले कर्मचारियों की तनख्वाह बढ़ा दी गई, लेकिन बाहर सफाई करने वाले लोगों की सैलरी नहीं बढ़ाई गई है। जबकि ग्रेटर नोएडा शहर को चमकाने का काम बाहर वाले सफाईकर्मियों का है। अगर एक दिन भी सफाईकर्मी ड्यूटी पर नहीं आएंगे तो शहर की हालत खराब हो जाएगी।
किसानों की मांग क्या है
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की स्थापना के साथ ही किसानों का विरोध शुरू हो गया था। यहां के किसान खुद को इस विकास से दूर मानते आए हैं। पिछले एक दशक के दौरान 64.7% अतिरिक्त मुआवजा, 6%, 7% और 10% आबादी भूखंडों से जुड़े मामले लटके हुए हैं। इसके अलावा आबादी निस्तारण, बैकलीज मामले, दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल रेलवे कॉरिडोर से प्रभावित किसानों की मांग खत्म नहीं हो रही है। लगातार किसान आंदोलन चल रहे हैं। पिछले करीब एक वर्ष से डीएमआईसीडीसी से प्रभावित किसान धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। कुछ महीनों से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर किसानों का आंदोलन चल रहा था, लेकिन योगी आदित्यनाथ के आने से पहले किसानों को आश्वासन देकर उठा दिया गया। अब मांगें और शर्त पूरी नहीं होने पर दोबारा 18 जुलाई से किसान धरने पर बैठ गए हैं। अभी बार इस किसान आंदोलन का नेतृत्व महिलाओं के हाथ में है।