26 पयर्टकों की हत्या से हापुड़ में आक्रोश,बाजार बंद,निकाला जुलूस,फूंका पाक का पुतला
हापुड़। कश्मीर में
26 हिंदू पयर्टकों की हत्या से हापुड़ में लोगों ने आक्रोश जताते हुए बाजार बंद रख शहर में जुलूस निकालते हुए पाकिस्तान का पुतला फूंका और राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा।
नगर के रेलवे पार्क से विश्व हिन्दू परिषद व अन्य हिन्दू संगठनों ने शनिवार सुबह जुलूस निकालते हुए पाकिस्तान के विरुद्ध नारेबाजी की और पाकिस्तान का पुतला फूंका व राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा।
सौंपें ज्ञापन में कहा गया कि
सर्व हिन्दू समाज ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुई भीषण आतंकी घटना की निंदा करते हुए कहा है कि अब समय आ गया है कि इस्लामिक जिहादी पाकिस्तान व उसके कश्मीरी स्लीपर सेल के विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही सुनिश्चित कर घाटी में पुनः सिर उठाने का दुस्साहस करने वाले मजहबी आतंकवाद का समूल नाश हो। कश्मीर घाटी के पहलगाम में जिस प्रकार यात्रियों के पेंट उतारकर, कलमा पूछ कर और आईडी चेक कर, जब यह सुनिश्चित हो गया कि वे मुस्लिम नहीं है, उनका नरसंहार किया गया, घोर निंदनीय है। इस अमानवीय घटना पर संपूर्ण देश स्तब्ध व आक्रोशित है। यह साफ दिखाई दे रहा है कि 1990 के आतंकवाद के दिनों की वापसी का दुस्साहस हो रहा है। कश्मीर घाटी में आतंकवादियों के स्लीपर सेल आज भी मौजूद हैं जो पाकिस्तान के इशारे पर कभी भी आतंकवाद के इन घृणित घटनाओं को करने के लिए तत्पर रहते हैं।
उन्होंने स्मरण कराया कि कुछ दिन पूर्व ही एक सांसद ने कहा था कि कश्मीर में जो यात्री या पर्यटक आ रहे हैं या जमीन खरीद रहे हैं वे यहां सांस्कृतिक अतिक्रमण कर रहे हैं। उसके कुछ दिन के बाद ही, पाकिस्तान के सेना अध्यक्ष ने कहा कि था हमारे सामने कश्मीर को वापस लेना ही एक मात्र एजेंडा रह गया है। अपने उसे एजेंडे की पूर्ति के लिए ही शायद उसने यहां जिहादी आतंकवादी हमला कराया। यह कोई सामान्य आतंकवादी घटना नहीं अपितु पाकिस्तान का भारत के विरुद्ध खुले युद्ध की घोषणा है। इसका जवाब भारत सरकार को उतनी ही शक्ति से देना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आतंकवाद के दिन दुबारा लौटने का और पाकिस्तान का कोई नेता या सैन्य अधिकारी इस तरह के शब्द बोलने की दुस्साहस ना कर सके।
अक्सर यह कहा जाता है कि आतंकवादी का कोई धर्म नहीं होता लेकिन उसका मजहब अवश्य होता है, यह साफ दिखाई देता है। भारत के मुस्लिम नेता इस निर्मम नरसंहार पर क्यों चुप्पी साधे हैं? वे वक्फ एक्ट का झूठा डर दिखाकर तो पूरे देश में अफरा तफरी मचा सकते हैं लेकिन, कश्मीर घाटी में मारे गए इन मासूम हिंदू यात्रियों की हत्या के विरोध में सड़क पर उतरने का साहस नहीं कर सकते। यह स्थिति अच्छी नहीं है । इसको स्वीकार नहीं किया जा सकता।
पूरा देश इस समय गुस्से में है। इस पर त्वरित कार्यवाही होनी चाहिए अन्यथा यह आक्रोश और बढ़ सकता है। हम हिन्दू इस घटना की घोर निन्दा करते हैं तथा भारत सरकार से आपके माध्यम से सख्त से सख्त जवाब देने का आग्रह करते हैं अगर भारत में हिन्दू सुरक्षित नहीं है तो कोनसे देश में होगा यह विचारणीय विषय है
इस मौके पर जिलाध्यक्ष सुधीर चोटी, अरूण अग्रवाल, नरेन्द्र अग्रवाल, चक्रवर्ती गर्ग, डाक्टर विकास अग्रवाल, बिजेंद्र पंसारी, बिजेंद्र गर्ग, अरूण अग्रवाल चीनी वालें, टुक्की राम गर्ग,अरूण अग्रवाल पार्क वालें, गिरीश त्यागी,अजयवंश नारायण सिंह त्यागी, संजय डाबर , एडवोकेट सत्येन्द्र गौड़, मोहित अग्रवाल, आदि मौजूद थे।