सड़क दुर्घटना में मीट कारोबारी व बसपा नेता की मौत

हापुड़। थाना गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र के गांव सरुरपुर के निकट नमाज पढ़कर सड़क पार करने के लिए खड़े मुरादाबाद के वरिष्ठ बसपा नेता एवं मीट कारोबारी की कार की चपेट में आने से मौत हो गई। उनकी मौत के बाद परिजन का रो रोकर बुरा हाल हो गया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

जिला मुरादाबाद के थाना गल शहीद क्षेत्र के अंतर्गत गांव असालतपुरा निवासी बसपा नेता एवं मीट कारोबारी एहतेशामुल हक पिछले कई दिनों से दांतों में हो रही बीमारी से परेशान थे। शुक्रवार को वह अपने भाई अंजार हुसैन, वारिस अली, नदीम के साथ कार से सवार होकर वह नोएडा दवाई लेने के लिए जा रहे थे।

कोतवाली क्षेत्र के गांव सरुरुपुर के निकट दिल्ली-लखनऊ हाईवे-नौ पर स्थित मस्जिद में वह जुमे की नमाज पढ़ने के लिए रुक गए। नमाज पढ़ने के बाद एहतेशामुल हक मस्जिद से बाहर आए और सड़क पार करने के लिए खड़े हो गए। इस दौरान हापुड़ की ओर से तेज गति से आई एक सफेद रंग की कार ने उनको टक्कर मार दी।

टक्कर लगने से वह घायल हो गए। उनके भाई ने स्थानीय अस्पताल में लेकर पहुंच गए। वहां उनकी गंभीर दशा को देखकर हापुड़ के एक अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। जहां चिकित्सक ने उनको मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

थाना प्रभारी निरीक्षक निरीक्षक सोमवीर सिंह ने कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि असालतपुरा में रहने वाले एहतेशााम कुरैशी वर्षों से बसपा से जुड़े रहे। पार्टी से वफादार रहे एहतेशाम ने कभी दूसरे दल में शामिल नहीं हुए। बीते विधानसभा चुनाव में बसपा ने उन्हें शहर सीट से प्रत्याशी बनाया था, लेकिन आखिर वक्त में उनका टिकट काटकर ईरशाद सैफी को प्रत्याशी घोषित कर दिया था।

मीट कारोबार से जुड़े एहतेशाम कुरैशी अपने अच्छे अखलाक के लिए इलाके में मशहूर थे। तीन बेटियां और दो बेटों के पिता एहतेशाम कुरैशी जुमे को नोएडा जाने के लिए कार से निकले थे। परिवारिक सूत्रों के मुताबिक उन्होंने हापुड़ से पहले कार रोकी और नमाज अदा की थी। नमाज पढ़कर कार की तरफ आ रहे एहतेशाम को वाहन ने टक्कर मार दी।

हादसे के बाद मौके पर भीड़ एकत्र हो गई और उन्हें अस्पताल लाया गया था। परिवार का कहना है कि करीब ढाई बजे उनकी मौत हो गई। मौत की सूचना पर असालतपुरा समेत शहर के विभिन्न क्षेत्रों, भोजपुर और सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्रों में गम का माहौल देखा गया।

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