हापुड़।
मंगलवार को देश में पड़े खण्डग्रास सूर्य ग्रहण को लेकर शिक्षक दंपत्ति ने लोगों को ग्रहण के फ़िल्टर लगे दूरबीन से प्रत्यक्ष दर्शन करवाएं । जिससे बच्चों से लेकर बड़े तक उत्साहित दर्शन करनें को उत्साहित रहे।
जानकारी के अनुसार खण्डग्रास सूर्य ग्रहण दर्शन अक्षांश २८.७३३ पर स्थित जनपद हापुड़ के गाँव दोयमी से मंगलवार को जनपद वासियों ने सूर्य ग्रहण के प्रत्यक्ष दर्शन किए।
भौतिकी प्रवक्ता अजय मित्तल और उनकी अध्यापिका पत्नी रश्मि मित्तल ने दर्शकों को फ़िल्टर लगे दूरबीन से ग्रहण के प्रत्यक्ष दर्शन कराए। स्कूल के बच्चों ने भी इस खगोलीय घटना का आनंद भी लिया और इसका कारण भी समझा।
विज्ञान संचारक अजय मित्तल ने बताया कि यह ग्रहण खण्डग्रास था जिसके कारण लगभग दो घंटे लिए सूर्य का लगभग 54 % भाग ही चंद्रमा के सूर्य और पृथ्वी के मध्य आ जाने के कारण ढक गया था जिसके कारण लगभग दो घंटे के लिए पृथ्वी पर सूर्य की आधी ऊर्जा ही आपतित हो सकी।
उन्होंने बताया कि हापुड़ में सूर्य ग्रहण सायं 4ः26 से चंद्र स्पर्श के साथ शुरू हुआ जो प्रकाश के अपवर्तन के कारण सूर्यास्त समय सायं 5:41 के कुछ मिनट बाद तक भी दिखाई दिया।
उन्होंने बताया कि ग्रहण के मोक्ष का समय सायं 6ः23 तक रहेगा जो हापुड़ से दिखाई नहीं दे सकता था। ऐसे ग्रहण को जो मोक्ष से पहले ही अस्त हो जाता है उसे ग़्रस्तास्त सूर्य ग्रहण कहते हैं।ग्रहण का स्पर्श और मोक्ष का समय स्थान के अक्षांश पर निर्भर करता है। फ़िल्टर की सावधानी रखते हुए इस घटना को प्रत्यक्ष देख बच्चे और बड़े बहुत ही उत्साहित और रोमांचित थे।
ज्योतिषीय गणना के अनुसार भौतिकविद अजय मित्तल ने बताया कि आज ग्रहण की अवधि में सूर्य और चंद्रमा दोनों तुला रशिगत होकर मामूली से अंशों के अंतर के साथ एक सीध में आ गए जिससे उतने समय के लिए सूर्य के आगे चंद्रमा आ जाने से सूर्य का प्रकाश रुक गया। इसे ही सूर्य ग्रहण कहते हैं।
उन्होंने बताया सूर्य से मात्र आधे अंश पर ही तुला राशि में सूर्य की सीध में शुक्र भी गतिमान हैं इसलिए उतने समय के लिए चंद्रमा ने सूर्य को भी ढक लिया अर्थात उतने समय के लिए आकाश में सूर्य ग्रहण के साथ साथ शुक्र ग्रहण भी रहा लेकिन सूर्य की चमक के आगे शुक्र की उपस्थिति दिखाई नहीं दे सकती इसलिए किसी को शुक्र ग्रहण का अनुभव नहीं हो सका। अजय मित्तल ने बताया कि सूर्य ग्रहण का लगभग 15 दिन के अंतर पर चंद्र ग्रहण होता है इसलिए इस वर्ष का अंतिम खग्रास चंद्रग्रहण 8 नवम्बर को पड़ेगा।
कार्यक्रम संयोजिका रश्मि मित्तल ने बच्चों को ग्रहण की वैज्ञानिक क्रिया को समझते हुए उससे जुड़े अंधविश्वासों के प्रति स्वयं जागरूक होने और लोगों को भी जागरूक करने का आह्वान किया।
इस अवसर पर सोमया, गगन, सोनू, संस्कार, प्रियांश, धैर्य, रिध्यम, अभय, भूपेन्द्र, संजीव गुलाटी, मयंक, ऋषभ, अमन, विजय सेनी, यश, देवांश, विरेंद्र कुमार, विपिन कुमार, केशव, सौरभ अग्रवाल, सोनू त्यागी, कमल सेनी, राजकुमार सिंघल, मुकुल वार्ष्णेय, पवन, प्रशांत आदि अनेक दर्शकों ने ग्रहण के पर्व का आनंद लिया।
अजय मित्तल ने दर्शकों की ग्रहण सम्बन्धी जिज्ञासा को शांत किया और उनका आभार प्रकट किया।