विदेशी मेहमानों ने आनंदा कैटल फीड प्लांट का किया निरीक्षण, आनंदा की गौशाला में पाल रही भारतीय नस्लों की गायों को निहारा

विदेशी मेहमानों ने आनंदा कैटल फीड प्लांट का किया निरीक्षण*
– *आनंदा की गौशाला में पाल रही भारतीय नस्लों की गायों को निहारा*
– *इटली से ग्रुप ने आनंदा ग्रुप के साथ की बैठक
पिलखुवा।
स्याना में मंगलवार को इटली से एक ग्रुप स्याना पहुंचा। भारतीय नस्लों की गायों के बारे में जानकारी हासिल कर दूध उत्पादन के बारे में जानकारी लेने के लिए विदेशी मेहमान भारत आए।
स्याना की आनंदा कैटल फीड प्लांट में विदेशी मेहमानों के साथ किसान नेता मांगे राम त्यागी ने दौरा किया। इटली से भारत आए गुरुप के सदस्यों ने भारतीय नस्ल की गायों के बारे में जानकारी ली। आनंदा ग्रुप के सीएमडी राधेश्याम दीक्षित ने बताया कि इटली से गो वर्धन की जानकारी लेने के लिए एक ग्रुप भारत आया है। उन्होंने आनंदा की गौशाला में भारतीय नस्ल की गायों के बारे में जानकारी ली है। भारतीय नस्ल की गायों के रखरखाव के बारे में बारीकी से जानकारी लेने के साथ उन्हें गुड़ और चना खिलाया। सीएमडी राधेश्याम दीक्षित ने बताया कि गौशाला में भारतीय नस्ल की गायों का पालन करने के साथ अच्छी नस्ल के गोवंश तैयार किया जा रहे हैं। किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए उन्हें जागरूक कर टिप्स दिए जा रहे हैं। किसानों को दूध उत्पादन बढ़ाने के गुर सिखाए जा रहे हैं। विदेशी मेहमानों ने पशुओं को खिलाई जाने वाले आहार के बारे में भी जानकारी ली।
*आनंदा प्लांट में इटली के विदेशी मेहमानों ने किसानों के साथ की वार्ता*
इटली से आए विदेशी मेहमानों ने भारतीय किसानों के साथ बैठक की। भारतीय किसानों द्वारा दूध उत्पादन कर गोपालन कराए जाने के बारे में जानकारी हासिल की। विदेशी मेहमानों ने भारतीय तरीकों से पशुओं का दूध निकालने के बारे में भी जानकारी ली। क्षेत्र के किसानों से वार्ता कर भारतीय नस्ल की गायों के बारे में विस्तार से जाना। विदेशी मेहमानों ने साहीवाल , थारपारकर, गिर, नागौरी आदि भारतीय नस्ल की गायों द्वारा दूध देने और उनकी रखरखाव के बारे में जानकारी हासिल की।
*विदेशी मेहमान भारतीय गायों के हुए मुरीद*
स्याना में मंगलवार को पहुंचे इटली के एरकोले ज़रबीनी भारतीय नस्ल की गायों के मुरीद हो गए। उन्होंने भारतीय नस्ल की गायों के बारे में प्रशिक्षण लेकर दूध उत्पादन को बढ़ाने के बारे में किसानों के साथ अपने विचार साझा किए। उन्होंने किसानों को बदलते दौर के साथ पशुपालन में नए तरीके अपनाने के बारे में भी प्रेरित किया।किसान विपिन, प्रशांत, वतन चौधरी,रवि आदि रहे ।

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