बूढ़ी गंगा को पुनर्जीवन देने के लिए किया संकल्प

गढ़मुक्तेश्वर। लोक भारती के तत्वावधान में वर्ष प्रतिपदा से आरंभ होकर अक्षय तृतीया तक चल रहे जल माह का समापन रविवार को बूढ़ी गंगा को पुनर्जीवन देने के संकल्प के साथ संपन्न हुआ। पर्यावरणविद् भारत भूषण गर्ग ने चैत्र प्रतिपदा पर बूढ़ी गंगा पुनर्जीवन को लेकर यात्रा आरंभ की थी। रविवार को यात्रा का भी समापन हुआ।

पर्यावरणविद् भारत भूषण समेत अन्य लोगों ने करीब 6 किलोमीटर की यात्रा के दौरान हस्तिनापुर सेंचुरी क्षेत्र के प्रसादीपुर वन ब्लॉक से आरंभ होकर नदी के साथ-साथ कुतुबपुर, भगवंतपुर, नयागांव, इनायतपुर, शाकरपुर, कुद्रैनी की मढैया एवं लठीरा तक पहुंचकर सम्पन्न हुई। भारत भूषण ने बताया कि बूढ़ी गंगा की दो धाराएं हो गई हैं, जिसमें एक धारा को अतिक्रमण से काफी संकरा कर दिया गया है। गांव साकरपुर और बसंतपुर के बीच यह नदी जल विहीन हो चुकी है। उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान यह बात सामने आई है कि बूढ़ी गंगा के प्रवाह को रोककर स्थानीय किसानों ने अवैध कब्जा किया हुआ है।

उन्होंने प्रशासन को पत्र भेजकर मांग उठाई है कि इस नदी की सिल्ट की सफाई कराकर तटों को मजबूत कराया जाये। वहीं लोक भारती और वन विभाग द्वारा पौधरोपण कर तटों को सुरक्षित किया जायेगा। इस काम के लिए स्थानी किसानों ने भी अपनी सहमति दी है। जिन्होंने बूढ़ी गंगा को पुनजीर्वित करने के अभियान में हर संभव सहयोग का आश्वासन भी दिया।

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