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पुलिस ने 25 गांवों के लिए बनाया विशेष प्लान
हापुड़। चुनावी तैयारियों के बीच जिला प्रशासन और पुलिस की पहली जिम्मेदारी चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न कराना है। लेकिन जिले के 25 गांव ऐसे हैं, जिनके मतदान केंद्रों पर पहले भी झड़पे होती रही हैं। ऐसे 71 मतदान केंद्रों को अति संवेदनशील प्लस श्रेणी में रखा गया है। इन गांवों और केंद्रों में चुनाव के दौरान व्यापक सुरक्षा व्यवस्था रहेगी।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की घोषणा कभी भी हो सकती है। इसके लिए जहां प्रत्याशियों द्वारा तैयारियां की जा रही हैं, वहीं जिला प्रशासन और पुलिस भी अपनी अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है। चुनाव के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती होता है। इस बार भी पुलिस के लिए यह बड़ी चुनौती है। जिले के 25 गांव अतिसंवेदनशील प्लस की श्रेणी में चयन किए गए हैं। इनमें बनाए गए कुल 71 मतदान केंद्रों को अति संवेदनशील प्लस की श्रेणी में रखा गया है। इन केंद्रों पर चुनाव के दौरान पहले भी झड़पे होती रही हैं। ग्राम प्रधान पद के चुनाव को गांवों में प्रतिष्ठा पर लिया जाता है और छोटे छोटे विवाद बड़ा रूप धारण कर लेते हैं। चयन किए गए 25 गांव मिश्रित आबादी क्षेत्र के हैं। जिनमें हापुड़ ब्लाक के सात, गढ़ के आठ, धौलाना के छह और सिंभावली के चार गांव शामिल हैं। जबकि इन सभी गांवों में 71 मतदान केंद्र हैं। जिला प्रशासन और पुलिस इन गावों में शांति व्यवस्था बनाये रखने में जुट गया है। चुनाव के दौरान तो गांवों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहेंगे ही, इससे पहले भी इन गांवों का पूरा डाटा खंगाला जा रहा है। बवालियों का चयन किया जा रहा है। पूर्व में हिंसक झड़पें करने वालों की स्थिति के बारे में जानकारी निकाली जा रही है। इन सभी को मुचलका पाबंद तो किया ही जाएगा, इसके अलावा भी इन पर नजर रखी जा रही है। एलआईयू को भी इन गांवों में सतर्क कर दिया गया है।
एएसपी सर्वेश कुमार मिश्रा ने बताया कि अति संवेदनशील प्लस मतदान केंद्रों वाले गांवों में चुनाव के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी तैयारियां कर ली गई हैं।
पुलिस ने 25 गांवों के लिए बनाया विशेष प्लान
हापुड़। चुनावी तैयारियों के बीच जिला प्रशासन और पुलिस की पहली जिम्मेदारी चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न कराना है। लेकिन जिले के 25 गांव ऐसे हैं, जिनके मतदान केंद्रों पर पहले भी झड़पे होती रही हैं। ऐसे 71 मतदान केंद्रों को अति संवेदनशील प्लस श्रेणी में रखा गया है। इन गांवों और केंद्रों में चुनाव के दौरान व्यापक सुरक्षा व्यवस्था रहेगी।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की घोषणा कभी भी हो सकती है। इसके लिए जहां प्रत्याशियों द्वारा तैयारियां की जा रही हैं, वहीं जिला प्रशासन और पुलिस भी अपनी अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है। चुनाव के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती होता है। इस बार भी पुलिस के लिए यह बड़ी चुनौती है। जिले के 25 गांव अतिसंवेदनशील प्लस की श्रेणी में चयन किए गए हैं। इनमें बनाए गए कुल 71 मतदान केंद्रों को अति संवेदनशील प्लस की श्रेणी में रखा गया है। इन केंद्रों पर चुनाव के दौरान पहले भी झड़पे होती रही हैं। ग्राम प्रधान पद के चुनाव को गांवों में प्रतिष्ठा पर लिया जाता है और छोटे छोटे विवाद बड़ा रूप धारण कर लेते हैं। चयन किए गए 25 गांव मिश्रित आबादी क्षेत्र के हैं। जिनमें हापुड़ ब्लाक के सात, गढ़ के आठ, धौलाना के छह और सिंभावली के चार गांव शामिल हैं। जबकि इन सभी गांवों में 71 मतदान केंद्र हैं। जिला प्रशासन और पुलिस इन गावों में शांति व्यवस्था बनाये रखने में जुट गया है। चुनाव के दौरान तो गांवों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहेंगे ही, इससे पहले भी इन गांवों का पूरा डाटा खंगाला जा रहा है। बवालियों का चयन किया जा रहा है। पूर्व में हिंसक झड़पें करने वालों की स्थिति के बारे में जानकारी निकाली जा रही है। इन सभी को मुचलका पाबंद तो किया ही जाएगा, इसके अलावा भी इन पर नजर रखी जा रही है। एलआईयू को भी इन गांवों में सतर्क कर दिया गया है।
एएसपी सर्वेश कुमार मिश्रा ने बताया कि अति संवेदनशील प्लस मतदान केंद्रों वाले गांवों में चुनाव के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी तैयारियां कर ली गई हैं।