गांव बदरखा में फसल जोत रहे किसान को रोकते भाकियू कार्यकर्ता।
– फोटो : GARH
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कृषि कानूनों के विरोध में किसान ने गेहूं की फसल जोती
गढ़मुक्तेश्वर। गांव बदरखा में कृषि कानूनों के विरोध में एक किसान ने खेत में खड़ी गेहूूं की फसल जोत दी। वहीं मौके पर पहुंचे भाकियू कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों से समझाबुझा कर किसान को शांत कराया।
कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर बॉर्डर पर किसान धरने पर बैठे हुए हैं। सरकार की तरफ से कानून वापसी पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। जिससे किसानों में रोष बढ़ता जा रहा है। बृहस्पतिवार की शाम गढ़ क्षेत्र के गांव बदरखा निवासी किसान इंसाफ अली ट्रैक्टर लेकर अपने खेत पर पहुंचा। सरकार पर किसान विरोधी का आरोप लगाया तथा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद उसने ट्रैक्टर से खेत में खड़ी गेहूं की फसल को जोतना शुरू कर दिया। जिसे देखकर आसपास के खेतों में काम कर रहे किसान मौके पर पहुंचे, जिन्होंने इंसाफ अली को रोकते हुए भाकियू के मंडल प्रवक्ता दिनेश खेड़ा को सूचना दी। सूचना मिलते ही दिनेश खेड़ा, हाजी आरिफ, मुबारक खां, ताज खां, परवेज अली, इकराम खां भी तुरंत ही मौके पर पहुंच गए। भाकियू कार्यकर्ताओं और किसानों ने इंसाफ अली को काफी देर तक समझाया, जिसके बाद उसका गुस्सा शांत हुआ, लेकिन तब तक करीब तीन बीघा फसल नष्ट हो चुकी थी। किसान इंसाफ अली का कहना है कि केंद्र सरकार को किसानों के हित में कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए। उसने धरने के समर्थन में अपनी गेहूं की फसल को नष्ट किया है। किसान का कहना है कि जब फसल के उचित दाम ही न मिले, तो फिर खेती करने से फायदा भी क्या है।
कृषि कानूनों के विरोध में किसान ने गेहूं की फसल जोती
गढ़मुक्तेश्वर। गांव बदरखा में कृषि कानूनों के विरोध में एक किसान ने खेत में खड़ी गेहूूं की फसल जोत दी। वहीं मौके पर पहुंचे भाकियू कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों से समझाबुझा कर किसान को शांत कराया।
कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर बॉर्डर पर किसान धरने पर बैठे हुए हैं। सरकार की तरफ से कानून वापसी पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। जिससे किसानों में रोष बढ़ता जा रहा है। बृहस्पतिवार की शाम गढ़ क्षेत्र के गांव बदरखा निवासी किसान इंसाफ अली ट्रैक्टर लेकर अपने खेत पर पहुंचा। सरकार पर किसान विरोधी का आरोप लगाया तथा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद उसने ट्रैक्टर से खेत में खड़ी गेहूं की फसल को जोतना शुरू कर दिया। जिसे देखकर आसपास के खेतों में काम कर रहे किसान मौके पर पहुंचे, जिन्होंने इंसाफ अली को रोकते हुए भाकियू के मंडल प्रवक्ता दिनेश खेड़ा को सूचना दी। सूचना मिलते ही दिनेश खेड़ा, हाजी आरिफ, मुबारक खां, ताज खां, परवेज अली, इकराम खां भी तुरंत ही मौके पर पहुंच गए। भाकियू कार्यकर्ताओं और किसानों ने इंसाफ अली को काफी देर तक समझाया, जिसके बाद उसका गुस्सा शांत हुआ, लेकिन तब तक करीब तीन बीघा फसल नष्ट हो चुकी थी। किसान इंसाफ अली का कहना है कि केंद्र सरकार को किसानों के हित में कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए। उसने धरने के समर्थन में अपनी गेहूं की फसल को नष्ट किया है। किसान का कहना है कि जब फसल के उचित दाम ही न मिले, तो फिर खेती करने से फायदा भी क्या है।