,नयी दिल्ली। इंटरनेशनल वैट्स ने देश-विदेश के कवियों और कवयित्रियों के लिए ऑनलाइन ओपन माइक और काव्यपाठ की व्यवस्था की। कार्यक्रम की शुरुआत सह-संस्थापिका श्रीमती पुष्पा निर्मल द्वारा सरस्वती वंदना और संस्थापक डॉ कवि कुमार निर्मल और अध्यक्ष अविनाश खरे की उद्घाटन टिप्पणियों के साथ हुई।
इस कार्यक्रम का संचालन श्रीमती मनजीत कौर ने किया। 32 श्रेष्ठ रचनाकारों ने समाज में नारी का स्थान से ओत-प्रोत अपनी स्वरचित कविताओं का पाठ किया। यह कार्यक्रम तीन घंटे से अधिक तक चला। जूरी के सदस्य अमर सिंह राय, सीईओ प्रो. (डॉक्टर) रमेन गोस्वामी भी उपस्थित थे।
इस ओपन माइक से एक बात तो स्पष्ट होती है कि हम भारत वासी नारी शक्ति को लेकर कितने भाबुक है और उनके सम्मान के लिए अपनी जान भी कुरबान करने के लिये तैयार रहते हैं।
जिन रचनाकारों ने भाग लिया था, उनके नाम:- नन्द किशोर बहुखंडी , दिलीप कुमार शर्मा दीप, डॉ. संजू त्रिपाठी – ” एक सोच”, अक्षय लाल भारद्वाज, सुभाष कुशवाहा, रामकुमार पटेल जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़, रामसाय श्रीवास “राम”(छग), मधु माहेश्वरी राजस्थान , डॉ गीता पांडे अपराजिता रायबरेली उत्तर प्रदेश, प्रियांका धीबर,
इंजी. हिमांशु बडोनी “दयानिधि”,
जिला: पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखण्ड) , डॉ देवी राम शर्मा निर्मल, डॉ. ऋचा शर्मा, करनाल (हरियाणा) ,आशुकवि रमेश कुमार द्विवेदी,,चंचल, प्रेमसिंह राजावत प्रेम आगरा उत्तर प्रदेश, बलबीर सिंह ढाका रोहतक हरियाणा, कविता सिंह “श्रुति” छत्तीसगढ़, अविनाश खरे।पुणे, अनुराधा के, मंगलूरु,कर्नाटक, सुरेखा राजेश चंद्रायण जबलपुर, शोभा प्रसाद ,गुरुग्राम ,हरियाणा, विजेंद्र सतवाल राधेय। श्रीमती उमेश नाग, प्रो(डा)शरद नारायण खरे , उषा कंसल बेंगलुरु, उषा टिबड़ेवाल चेन्नई, सरला विजय सिंह ‘सरल’ चेन्नई। मुख्य अतिथि के रूप में जुड़े थे पोलैंड से Dr. Morve Roshan K.