सरस्वती मेडिकल कॉलेज में दो दिवसीय सीएमई और प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न

जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी ने बताया कि दो सप्ताह तक खांसी या बुखार, खांसी में खून या बलगम आना, सीने में दर्द रहना, थकान रहना, वजन कम होना और रात में सोते समय पसीना आना टीबी के लक्षण हो सकते हैं। इनमें से कोई एक भी लक्षण नजर आने पर टीबी की जांच करानी आवश्यक है। इसके अलावा शरीर के किसी हिस्से में गांठ भी टीबी की पहचान हो सकती है। सीएमई के दौरान यह भी बताया गया कि ओपीडी में आए रोगियों में से कम से कम पांच प्रतिशत की टीबी जांच करानी जरूरी है। कोविड की तरह अधिक जांच करके टीबी रोगियों की जल्दी पहचान की जा सकती है।

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