हापुड़(अमित अग्रवाल मुन्ना)।
जनपद में अवैध निर्माण करवानें के आरोपों को लेकर चर्चाओं में रहनें वाला हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण ने गुरुवार को ताबड़तोड़ कार्यवाही करते हुए हापुड़ के जीम खाना की अवैध निर्मित तलों को सील कर अन्य स्थानों पर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की। उधर इन अवैध निर्माणों को लेकर प्राधिकरण के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही हैं। एक समाजसेवी ने प्राधिकरण के कर्मचारी से लेकर अधिकारियों तक की संपत्ति की जांच की मांग करते हुए मुख्यमंत्री को पत्र भेज हैं।
जानकारी के अनुसार जनपद में बड़े पैमानें पर अवैध निर्माण व अवैध रुप से कालोनियों के काटें जानें की शिकायत मिलती हैं। आए दिन प्राधिकरण इन अवैध रूप से हो रहे अवैध निर्माण को सील करनें अथवा ध्वस्त करनें को लेकर वाह वाही लूटता हैं,परन्तु उसके बाद मामला ठप्प पड़ जाता हैं। माना जाता हैं कि सेटिंग के चलते मामला दब जाता हैं।
इसी क्रम में आज प्राधिकरण ने गढ़ रोड़ स्थित शैलेंद्र गुप्ता तथा विवेक कुमार गोयल द्वारा अवैध रुप से बन रहे जिमखाना भवन के प्रथम तल और द्वितीय तल को सील कर दिया है। इसके अलावा भी ध्वस्तीकरण व सीलिंग की कार्यवाही की गई।
लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्राधिकरण के जेई व अन्य अधिकारियों ने क्षेत्र बांटकर अपने प्राईवेट आदमी अवैध निर्माण की सूचना देनें के लिए गली गली मौहल्लें मौहल्लें छोड़ रखें हैं,जो किसी भी गली में छोटा सा भी अवैध निर्माण होनें पर पहुंच जाते हैं और उनका डरा धमकाकर अवैध वसूली करते हैं और जो नहीं मानता हैं । उसके विरुद्ध ध्वस्तीकरण या सीलिंग की कार्यवाही करनें की धमकी देते हैं।
उन्होंने कहा कि जब छोटी छोटी गलियों में ये लोग सूंघते हुए पहुंच जाते है,तब बड़े बड़े अवैध निर्माण व अवैध कालोनीं रातों रात कैसे इनकी मर्जी के बिना तैयार हो जाती हैं और उन्हें कैसे छोड़ दिया जाता हैं।
समाजसेवी रविन्द्र सागर ने मुख्यमंत्री को पत्र भेज कहा कि प्राधिकरण का चपरासी से लेकर बाबू व अधिकारी तक बड़ी और मंहगी गाड़ियों में बाहर से कार्यालय आते जाते हैं। अवैध निर्माण के नाम पर लोगों का उत्पीड़न किया जाता हैं। इन सब व उनके परिजनों की संपत्तियों की जांच होनी चाहिए।