हापुड़। निजी स्कूलों ने नए सत्र से 10 से 15 फीसदी फीस बढ़ा दी है, इसी शैक्षिक सत्र में बढ़ी फीस लागू कर दी गई है। 12वीं के छात्रों को 4 से 5 हजार रुपये तक प्रति महीना शुल्क देना होगा। इस साल किताब, कॉपी और स्टेशनरी के दामों में भी 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। कुल मिलाकर कोरोना के बाद अभिभावकों की जेब पर फिर से बढ़ी फीस और अन्य मदों का भार बढ़ गया है।
फीस पर नियंत्रण रखने के लिए शुल्क नियामक समिति बनी हुई है, जो विद्यालयों द्वारा ली जाने वाली फीस की निगरानी भी करती है। वर्ष 2020 में कोरोना के कारण स्कूल, कॉलेज बंद हो गए थे। ऐसे में शासन से फीस नहीं बढ़ाने के आदेश मिले थे। तीन सात तक फीस में स्कूलों ने कोई इजाफा नहीं किया। हालांकि कुछ नामचीन स्कूलों ने समय के साथ फीस तो बढ़ाई ही, साथ ही अन्य मदों में भी पहले से अधिक पैसे वसूले।
अब शिक्षकों का वेतन, बिजली खर्च व अन्य सुविधाओं पर खर्चा अधिक होने की बात कह, अधिकांश स्कूलों ने 10 से 15 फीसदी फीस बढ़ा दी है। जिसका सीधा असर हापुड़ जिले के करीब सवा 2 लाख छात्रों पर पड़ा है। स्कूलों ने पूरा फीस स्ट्रक्चर अभिभावकों से भी साझा कर दिया है। उधर कागज महंगा होने से किताबों के दाम भी बढ़ गए हैं। इसके अलावा किताबों पर ओवर रेटिंग भी अभिभावकों की जेब को ढीली कर रही है।