गाज़ियाबाद। गाज़ियाबाद नौ तेंदुओं ने गाजियाबाद को अपना घर बना लिया है। वन्यजीव गणना में इसका पता चला है। ये तेंदुए मोदीनगर के जंगलों में, गंगा नहर के किनारे और हिंडन एयरफोर्स स्टेशन के आसपास रह रहे हैं।
पहले तेंदुए बाहर से आते-जाते थे। 2019 की जनगणना में इनकी संख्या जीरो थी लेकिन अभी कुछ समय से ये यहां रहने लगे हैं। यह उनके आसपास के लोगों के लिए चिंता का विषय है। पिछले तीन सालों में तेंदुए के हमले की घटनाएं भी बढ़ी हैं।
कुछ दिन पहले तेंदुआ गाजियाबाद कोर्ट पहुंचा था। उसके हमले में कई लोग घायल हो गए। इससे पहले मोदीनगर में ही दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर एक वाहन की चपेट में आने से एक तेंदुए की मौत हो गई थी. डासना में एक तेंदुआ भी देखा गया है। इसके अलावा यह शहर के कई इलाकों में देखा जा रहा है। ऐसे में लोगों को यह सवाल परेशान कर रहा है कि आखिर कहां से और क्यों बार-बार आ रहे हैं तेंदुए? अब इसका जवाब मिल गया है।
वन विभाग के मंडल निदेशक मनीष सिंह ने बताया कि गाजियाबाद में हर तीन साल में वन्य जीवों की गणना की जाती है. 2022 की जनगणना में तेंदुओं की संख्या नौ पाई गई है, जबकि पहली जनगणना में यह संख्या शून्य थी। तेंदुए के पैरों के निशान मोदीनगर के जंगल में, गंगानगर के किनारे और हिंडन एयरफोर्स स्टेशन के पास देखे गए हैं। बढ़ रहे हैं तेंदुओं के हमले
सिर्फ गाजियाबाद ही नहीं, आसपास के जिलों में तेंदुओं के हमले की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। सहारनपुर और बिजनौर में तो पहले से ही तेंदुए बड़ी संख्या में है। पिछले कुछ समय में हापुड़ और बुलंदशहर में ये कई बार नजर आ चुके हैं। गढ़मुक्तेश्वर के झड़ीना गांव में साल में पांच-छह बार तेंदुआ नजर आया है। बुलंदशहर में भी तेंदुओं ने किसानों की नाक में दम कर रखा है। तेंदुए किसानों के पशुओं को अपना शिकार बना रहे हैं।