शासनादेश का वीसी ने किया पालन,एचपीडीए में तैनात अन्य अधिकारियों ने दिखाया ठेंगा
, एचपीडीए में तैनात अधिकारी बिना सूचना के शाम होते ही छोड़ देते है,जिला मुख्यालय
हापुड़।
सरकार के आदेशों का हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष द्वारा
पालन किया जा रहा है। लेकिन प्राधिकरण में तैनात सचिव,सहायक अभियंता,अवर
अभियंता व लिपिकों द्वारा सरकार के आदेशों को ठेंगा दिखाया जा रहा है। ये
अधिकारी रोजाना बिना सूचना के शाम होते ही जिला मुख्यालय छोड़ देते है।
जबकि सरकार ने इन अधिकारियों के रहने के लिए करोड़ों की लागत से सरकारी
आवासों का भी निर्माण कराया है।
शासनादेशा के अनुसार जिला मुख्यालय पर स्थापित कार्यालयों
में तैनात अधिकारी अपने विभाग के उच्चाधिकारियों को सूचना दिये बिना जिला
मुख्यालय नहीं छोड़ सकते है। लेकिन जिला मुख्यालय पर एक विभाग ऐसा भी
जिसमें तैनात अधिकारी अपने विभाग के उच्चाधिकारी को सूचना दिये बिना
प्रति शाम को जिला मुख्यालय छोड़ देते है। जबकि विभाग के उच्चाधिकारी
द्वारा शासनादेश का पालन बखूबी किया जा रहा है।
दिल्ली रोड स्थित हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण में तैनात
उपाध्यक्ष डा.नितिन गौड़ आनंद विहार आवासीय कालोनी में स्थित सरकारी आवास
में रहते है। जबकि प्राधिकरण में तैनात सचिव,सहायक अभियंता,अवर
अभियंता,व लिपिकों द्वारा शासनादेश को ठेंगा दिखाते हुए और उपाध्यक्ष को
सूचना दिये बिना रोजाना शाम होते ही जिला मुख्यालय छोडक़र अपने-अपने घरों
को चले जाते है। जिस कारण प्राधिकरण राम भरोसे रहता है।
आनंद विहार योजना में निर्मित है,सरकारी आवास
हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण की आनंद विहार आवासीय योजना में करोड़ों
की लागत से प्राधिकरण के अधिकारियों के रहने के लिए सरकारी आवास भी बने
हुए है। लेकिन प्राधिकरण में तैनात अधिकारी तो शाम होते ही जिला मुख्यालय
छोड़ देते है।
दूसरे विभागों के अधिकारियों को दिये आवास
एचपीडीए में तैनात अधिकारियों द्वारा सरकारी आवासों में लंबे समय से नहीं
रहने के कारण वह खाली पड़े थे। जिस कारण वीसी द्वारा सरकारी आवासों को
एडीएम वित्त एवं राजस्व,एडीएम न्यायिक,एसडीएम,व पुलिस क्षेत्राधिकारी को
रहने के लिए दे दिये गये है।
लग्जरी गाडिय़ों से आते है,आफिस
हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण कार्यालय में तैनात अधिकारी एनसीआर
क्षेत्र से अपनी निजी लग्जरी गाडिय़ों से कार्यालय डयूटी करने आते है। और
शाम होते ही प्राधिकरण को राम भरोसे छोडक़र अपने-अपने घरों को चले जाते
है। अधिकारियों द्वारा कुछ गाडिय़ों को कार्यालय के अंदर व कुछ कार्यालय
के बाहर खड़ी की जाती है। अधिकारी अपने घरों से एचपीडीए कार्यालय लग्जरी
गाड़ी से आने जाने के लिए प्रतिमाह मोटी रकम खर्च करनी पड़ती है।
कमिश्नर ने जताई थी नाराजगी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण की 68
वीं बोर्ड बैठक में तत्कालीन वीसी,जिलाधिकारी द्वारा प्राधिकरण के सरकारी
आवास प्रशासनिक अधिकारियों को देने का प्रस्ताव कमिश्नर के समक्ष रखा था।
जिस पर कमिश्नर ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जब प्राधिकरण में
अधिकारी आने पर कहां रहेंगे। तब इस प्रस्ताव पर रोक लगा दी गयी थी।
प्राधिकरण की योजना में बने है,सरकारी आवास
हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण की आनंद विहार आवासीय योजना में
उपाध्यक्ष,सचिव,वित्त नियंत्रक,ओएसडी,अधीक्षण अभियंता,अधिशासी
अभियंता,सहायक अभियंता के रहने के लिए करोड़ों की लागत से सरकारी आवासों
का निर्माण कराया गया था। उक्त अधिकारियों ने शासनादेश को ठेंगा दिखाकर
सरकारी आवास के स्थान पर दूसरे जनपदों में अपने-अपने परिवारों के साथ
रहना पसंद करते है।
इस सम्बंध हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डा.नितिन गौड़ से
फोन पर दो बार संपर्क करने का प्रयास किया। लेकिन किन्हीं कारणों से उनका
फोन रिसीव नहीं हो सका।