नई दिल्ली: 1 अप्रैल, 2021 को नए वित्त वर्ष की शुरुआत हुई, देश के सरकारी और प्राइवेट बैंकों में कामकाज नहीं हुआ. उस दिन कुछ बैंकों के UPI और IMPS ट्रांजैक्शन फेल हुए. ऐसे में ग्राहकों के पैसे भी फंस गए. हम आपको बताने जा रहे हैं कि अगर आपका UPI ट्रांजैक्शन फेल हो जाए, और तय समय पर बैंक उसे आपके अकाउंट में वापस न करे तो आपको क्या करना है.
1 अप्रैल, 2021 को UPI पेमेंट फेल हुए
The National Payments Corporation of India (NPCI) ने एक ट्वीट में कहा है कि 1 अप्रैल की शाम तक ज्यादातर बैंक सामान्य हो गए थे. ग्राहकों को अबाधित IMPS और UPI सर्विसेज मिलनी लगी थीं. लेकिन बावजूद इसके कई ग्राहकों ने शिकायत की कि उन्हें ट्रांजैक्शन फेल होने के बाद पैसा वापस नहीं मिला है.
ये हैं RBI की गाइडलाइंस
अगर आप भी उन लोगों में से एक हैं जिनका ट्रांजैक्शन फेल हुआ है तो आपको रिजर्व बैंक (RBI) की अक्टूबर 2019 की गाइडलाइंस के बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए, इससे आपकी मुश्किल हल हो सकती है. इस सर्कुलर के तहत पैसे के ऑटो रिवर्सल को लेकर एक समयसीमा तय की गई है. अगर इस समयसीमा के अंदर ट्रांजैक्शन का सेटलमेंट या रिवर्सल नहीं हुआ तो बैंक को ग्राहकों को मुआवजा देना होगा. सर्कुलर के मुताबिक, समयसीमा खत्म होने के बाद 100 रुपए रोज के हिसाब से मुआवजा देना होगा.
सर्कुलर के मुताबिक, अगर UPI ट्रांजैक्शन फेल हो जाता और ग्राहक के अकाउंट से पैसे कट जाते हैं, लेकिन बेनिफिशियरी के अकाउंट में पैसा नहीं पहुंचता है तो ऑटो-रिवर्सल ट्रांजैक्शन की तारीख से T+1 दिन में पूरा हो जाना चाहिए. यहां पर T का मतलब ट्रांजैक्शन वाला दिन और +1 का मतलब एक दिन या 24 घंटे मान सकते हैं.
यहां कर सकते हैं शिकायत
सबसे पहले आपको सर्विस प्रोवाइडर से शिकायत करनी चाहिए. आपको Raise Dispute पर जाना होगा. यहां पर अपनी शिकायत दर्ज करा दें. प्रोवाइडर आपकी शिकायत को सही पाने पर पैसा लौटा देगा. अगर शिकायत करने बावजूद बैंक से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिलता है तो आप रिजर्व बैंक के डिजिटल ट्रांजैक्शन, 2019 के ओम्बुड्समैन स्कीम के तहत शिकायत कर सकते हैं.