पीएम प्रणाम योजना से सुधरेगी खेत की मिट्टी की सेहत, प्राकृतिक उर्वरकों को बढ़ावा देने का अभियान शुरू
गाजियाबाद:
गाजियाबाद के खेतों में अंधाधुंध रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से मिट्टी की सेहत खराब हो रही है। मिट्टी में सल्फर और जिंक जैसे पोषक तत्व तेजी से कम हो रहे हैं। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री प्रणाम योजना के माध्यम से कृषि में वैकल्पिक और प्राकृतिक उर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक अभियान शुरू किया है। इससे रासायनिक उर्वरकों का उपयोग कम होगा और प्राकृतिक एवं जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा।
योजना का उद्देश्य अनुदानित उर्वरक की खपत कम कर मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाना और अनुदानित राशि की बचत का 50 प्रतिशत हिस्सा किसानों के कल्याण में खर्च करना है। प्रति वर्ष उर्वरक की बढ़ रही खपत को लेकर सरकार ने योजना लागू की है।
गाजियाबाद में अभी तक 8,290 मीट्रिक टन यूरिया खेतों में खप चुका है। फसलों के आधार पर उर्वरक के मानक तय होने पर भी यह स्थिति है। इसका परिणाम यह है कि मिट्टी में जिंक, सल्फर जैसे पोषक तत्वों की कमी हो रही है।
जिले में करीब 42 हजार हेक्टेयर भूमि पर खेती हो रही है, जिसमें गेहूं, गन्ना, धान और चारा की फसलें प्रमुख रूप से उगाई जाती हैं।
फसलों में उर्वरक के मानक यूरिया चार, डीएपी दो और एमओपी एक का है, लेकिन यह मानक 10-03-02 तक प्रयोग में लाए जा रहे हैं, जो भूमि की उर्वरा शक्ति के साथ फसलों को मिलने वाले अन्न को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बना रहे हैं। अधिकांश किसान रासायनिक उर्वरकों से ही खेती करते हैं। यही कारण है कि हर सीजन में यूरिया, डीएपी की मांग बढ़ रही है।
जुलाई में लक्ष्य के सापेक्ष आपूर्ति
उर्वरक | सीजन लक्ष्य | लक्ष्य मासिक | लक्ष्य उपलब्धता | वितरण यूरिया |
यूरिका | 15,638 | 11,778 | 12,784.91 | 8290 |
डीएपी | 2489 | 1835 | 3545.00 | 1714.00 |
एनपीके | 209 | 150 | 2.50 | 0.60 |
एमओपी | 83 | 51 | 18.00 | 14.45 |
एसएसपी | 707 | 525 | 728.45 | 336.05 |
जिंक | – | – | 2.10 | 0.10 |
योग | 19126 | – | 17080.96 | 10355.20 |
नोट : उर्वरकों की मात्रा मीट्रिक टन में
इस बारे में कृषि उप निदेशक, रामजतन मिश्र ने बताया कि प्रणाम योजना के माध्यम से प्रधानमंत्री का उद्देश्य मिट्टी की सेहत सुधारने के लिए सल्फर गोल्डन यूरिया और नैनो यूरिया को बढ़ावा देना है। ताकि मिट्टी की उर्वरा शक्ति में बढ़ोतरी हो। इसके लिए कृषि विभाग किसानों को जागरूक कर रहा है।
ये है योजना का उद्देश्य
- संतुलित मात्रा में उर्वरक का उपयोग
- यूरिया से होने वाले नुकसान की जानकारी देना
- प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना
- वैकल्पिक उर्वरकों को प्रोत्साहित करना
जिला कृषि रक्षा अधिकारी, विकास कुमार ने बताया कि योजना का उद्देश्य उर्वरक की खपत कम करना है। उर्वरक की खपत जितनी कम होगी, उसके अनुपात में अनुदानित राशि की बचत का 50 प्रतिशत किसानों के हित में सरकार को उपलब्ध होगा।