बेमौसम बोए जाने वाला धान की मंडी में हुई आवक, बारिश से गिरे 500 रुपये इस बार पिछले साल से मंदा बिक रहा है धान…

बेमौसम बोए जाने वाला धान की मंडी में हुई आवक, बारिश से गिरे 500 रुपये इस बार पिछले साल से मंदा बिक रहा है धान…

पिछली बार 4000 रुपये कुंतल के रेट होने से किसानों ने बढ़ा दिया धान का रकबा
महंगी कीटनाशक और महंगा पानी आने के बाद धान के रेट में किसान को दिया नुकसान
हापुड़,  2022 में साठा धान के रेट महंगे रहने के कारण जिले के किसानों ने रकबा दोगुना कर दिया। परंतु इस बार धान के रेट पिछले साल की तुलना में 1500 रुपये प्रति कुंतल तक नीचे पहुंच गए हैं। शुक्रवार की रात को हुई बारिश से धान पर 500 रुपये कुंतल रेट गिर गए हैं। धान मंदा होने से किसान मायूस हो गए हैं।
दोगुनी आय के चक्कर में किसानों ने धान से भी दोगुनी आय लेना शुरू कर दिया है। बरसात से पहले ही साठा धान बो दी जा रही है। दस साल पहले कोई-कोई किसान समय से पहले धान बोता था। परंतु 2022 में 1509 वैरायटी की धान जून जुलाई में 4 हजार रुपये प्रति कुंतल तक बिक गई। जिसके चलते इस बार जनपद में धान का रकबा तीन गुना कर दिया गया है। लेकिन शुरूआत में ही धान के रेट ने किसानों को होश उड़ा दिए हैं।
आज 2400 से 2700 तक बिकी–
शनिवार को गढ़ मंडी में साठा धान पहुंचा। परंतु बारिश होने के कारण धान कम बिक पाया। हालांकि धान क दिन पहले 3 हजार रुपये कुंतल को बिका था। जो आज बारिश के चलते 24 सौ रुपये से 27 सौ रुपये प्रति कुंतल को बिक पाया।
घाटे में किसान, मायूस हुआ–
अगर देखा जाए तो फवरी में बोए जाने वाला यह धान पानी के लिए सबसे ज्यादा किल्लत करता है। क्योंकि इस मौसम में धान के लिए न लगाए जाने को लेकर कृषि वैज्ञानिक भी जागरुक कर रहे हैं। बारिश न होने के कारण किसानों को धान में लगातार पानी देना पड़ता है। महंगे कीटनाशक और पानीके चलते किसानों को इस बार मंदी में घाटा हो रहा है।
आढती अनेशचौहान ने बताया कि इस बार धान 1509 की वैरियटी 29 सौ से 3 हजार रुपये कुंतल को बिकी है। आज बारिश के लते 24 सौ रुपये तक धान बिका है।

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