संक्रांति के दिन काली उड़द दाल की खिचड़ी खाना होता है शुभ

संक्रांति के दिन काली उड़द दाल की खिचड़ी खाना होता है शुभ

लाइफस्टाइल 

मकर संक्रांति का पर्व इस साल 15 जनवरी को मनाया जाएगा। मकर संक्रांति पर सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस वजह से इसे मकर संक्रांति कहा जाता है। कहीं संक्रांति, तो कहीं पोंगल, कहीं माघी, तो कहीं उत्तरायण, उत्तरायणी और खिचड़ी पर्व जैसे कई नामों में अलग-अलग राज्यों में इस पर्व को मनाया जाता है। इस दिन लोग सुबह उठकर स्नान करते हैं, पूजा-पाठ करते हैं, दान-पुण्य करते हैं और खाने में खासतौर से खिचड़ी खाने की परंपरा है।

मकर संक्रांति पर क्यों खाई जाती है ‘खिचड़ी’?

मकर संक्रांति पर खासतौर से खाने में खिचड़ी बनाई और खाई जाती है, तो क्या है इसे खाने का महत्व, इस बारे में भी जान लेना है जरूरी। माना जाता है कि दाल, चावल, घी, हल्दी, मसाले और हरी सब्जियों से मिलकर बनने वाले खिचड़ी का संबंध नौ ग्रहों से है। जिस वजह से इस मौके पर इसे खाने से शुभ फल मिलता है।

खिचड़ी बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली चीज़ों में शामिल चावल का संबंध चंद्रमा से, नमक का शुक्र से, हल्दी का गुरु से, हरी सब्जियों का बुध से और खिचड़ी के ताप का संबंध मंगल ग्रह से जोड़ा गया है। संकांति पर खासतौर से काली उड़द दाल की खिचड़ी बनाई जाती है। काली उड़द दाल का संबंध शनि से है, तो इस दिन इस दाल की खिचड़ी खाने और दान करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है।

काली उड़द दाल की खिचड़ी बनाने की रेसिपी

सामग्री- 1/2 कप चावल, 1/4 कप काली उड़द दाल, 1/2 इंच अदरक का टुकड़ा, 2 हरी मिर्च, 1 टमाटर, 1 टुकड़ा दालचीनी, 2 लौंग, 4 काली मिर्च, एक बड़ी इलायची, 1/2 टीस्पून जीरा, 3 चम्मच घी, एक चुटकी हींग, चुटकीभर हल्दी, लाल मिर्च, स्वादानुसार नमक

विधि

प्रेशर कुकर की गैस खुद से रिलीज होने दें।

 

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