डीएम ने दिखाया दम, आपदा जोखिम होगा कम, एडीएम समेत बनाए गए चार नोडल अफसर
हापुड़: जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) हापुड़ की अध्यक्ष व जिलाधिकारी प्रेरणा शर्मा ने आपदा जोखिम को कम करने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। इसके लिए उन्होंने एडीएम समेत चार अधिकारियों को नोडल अफसर बना दिया है। सभी आपदा जोखिम को कम कराने के लिए कारगर रणनीति के साथ कार्य करेंगे। प्रेरणा शर्मा का मानना है कि इस प्रयास से आपदा जोखिम कम होगा और हर घर , हर व्यक्ति तक सुरक्षा की संस्कृति पहुंचेगी। हापुड़ जनपद प्राकृतिक और मानवीय आपदाओं के लिए संवेदनशील है। डी डी एम ए अध्यक्ष प्रेरणा शर्मा का मानना है कि लोगों को जागरूक कर, उन्हे ठीक से प्रशिक्षत कर, आपदाओं का सामना करने की उनकी क्षमता बढ़ाकर इस जोखिम को कम किया जा सकता है। दक्ष होने पर लोग धैर्य के साथ आपदाओं का सामना करेंगे । अपर जिलाधिकारी वित्त एवम राजस्व, जिला विद्यालय निरीक्षक, बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला पंचायत राज अधिकारी को जोखिम कम करने के लिए नोडल बनाया गया है। जिला विद्यालय निरीक्षक और बेसिक शिक्षा अधिकारी छात्रों को के माध्यम से सुरक्षा की संस्कृति हर घर तक पहुंचाएंगे। प्रभावी स्कूल सुरक्षा योजना भी बनाएंगे। जिला पंचायत राज अधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों में आपदा जोखिम को कम करने के लिए लोगों को जागरूक करने की जिम्मेदारी जिला पंचायत राज अधिकारी को दी गई है। ग्राम प्रधानों, ग्राम पंचायत सचिवों और लेखपालों को जोखिम कम करने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। ग्राम आपदा प्रबंधन योजना भी बनाई जाएगी। राजस्व विभाग और पंचायती राज विभाग संयुक्त रूप से कार्य करेगा। * प्राकृतिक खतरे जिनका करना पड़ सकता है सामना :
= भूकंप
= बाढ़
= बादल फटना
= सूखा
= लू और शीतलहर
= आंधी और तूफान
* तकनीकी खतरे जिनका करना पड़ सकता है सामना:
= रासायनिक और औद्योगिक
= भवन का गिरना
= रेल दुर्घटनाएं
= सड़क दुर्घटनाएं
= औद्योगिक और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में आग
मानवीय खतरा
= शहरी आग
= सीरियल बम ब्लास्ट, आतंकी घटनाएं
= भगदड़
* जैविक खतरा जिनका करना पड़ सकता है सामना:
= महामारी
= जानवरों में बीमारी
= जहरीला खाद्यपदार्थ