हापुड़ (अमित मुन्ना)।
अच्छेजा स्थित ए टी एम एस कालिज में तुलसी जयन्ती का आयोजन किया गया। इस अवसर राम की मर्यादाओं की शिक्षा में सार्थकता विषय पर मुख्य वक्ता मानस मर्मज्ञ बी० एड० विभाग के प्राचार्य डॉ. गिरीश वत्स ने रामचरित मानस की चौपाइयों का सस्वर पाठ करते हुए रोचक तरीके से उनका भावार्थ प्रस्तुत किया।
विद्वान वक्ता ने श्रोताओं को अपने गायन और राम कथा के उद्बोधन से मन्त्र मुग्ध कर दिया। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपनी प्रशंसा से अहंकार नहीं पालना चाहिए। तुलसी दास ने रामचरित मानस में माता, पिता, भाई, बहन, मित्र आदि सबके सम्बन्धों का बड़ा सुन्दर चित्रण किया है। राम का नाम आराम, विराम, विश्नाम देने वाला सुखदाता है। जो कर्म को प्रधान मानते हैं उन्हें पूजा करने की जरूरत नहीं है। जो शिक्षा संस्कार नहीं देती वह व्यर्थ है।
व्यक्ति को कुमत से दूर रहना चाहिए सुमति को पास चाहिए। इंजी विद्युत मद्रा और प्रो० अंजाले ने कथावाचक की सराहना की। कार्यकारी निदेशक डॉ. राकेश डॉ. वत्स अग्रवाल ने कहा कि मर्यादापुरुषोत्तम राम का चरित्र प्रेरणादायी है। इसे जीवन में उतारने का प्रयास करना चाहिए। चेयरमैन नरेन्द्र अग्रवाल व सचिव रजल अग्रवाल ने राम के आदर्शों को चारण करना सबके लिए हितकर है।
इस मौकैं पर प्रो. सोनम, लवी, शाइन्दा, विकास, दीपेश, विशाल, रवि एस.पी. राघव, डा. संजय कुमार, टी० सी० सिंहल, विनय, लोकेश आदि मौजूद थे।