हाथ की हड्डी टूटनें के उपचार में लापरवाही बरतनें पर सरस्वती मेडिकल कॉलेज ,चिकित्सक सहित तीन पर लगाया 40 हजार का जुर्माना

हापुड़। न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने मरीज के उपचार में लापरवाही बरतने पर सरस्वती इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के एक निदेशक और नगर के एक चिकित्सक समेत तीन पर 40 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। यह धनराशि एक माह में पीड़ित को देने के आदेश भी किए है।

आयोग के अध्यक्ष आनंद बिहारी श्रीवास्तव ने बताया कि गांव अहमदपुर नयागांव निवासी नेपाल सिंह ने उनके समक्ष एक वाद दायर किया। जिसमें बताया कि 26 अप्रैल 2016 को वह घर की सीढ़ियों से फिसल कर गिर गया था, जिससे उसके हाथ की हड्डी टूट गई। जिसके उपचार के लिए वह सरस्वती इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में पहुंचा।

जहां चिकित्सक डॉ. हर्ष सिंह ने बिना किसी उचित जांच के हाथ पर प्लास्टर चढ़ा दिया। लेकिन इसके बाद भी दर्द बराबर बना रहा है। वह दोबारा से उक्त चिकित्सक के पास पहुंचे और उन्हें अपनी परेशानी से अवगत कराया। लेकिन चिकित्सक ने अस्पताल से भगा दिया। उनके द्वारा कालेज के उच्च अधिकारी से भी शिकायत की गई, लेकिन कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई।

उनके द्वारा हापुड़ में नरेंद्र मोहन को दिखाया गया, वहां भी सही इलाज नहीं हुआ, इसके बाद दिल्ली के एक अस्पताल में उपचार कराया गया, जिसमें काफी खर्चा हुआ।

दोनों पक्षों को सुनने के बाद पाया गया है कि उपचार में लापरवाही के लिए मेडिकल कालेज के निदेशक तथा चिकित्सक डॉ. हर्ष सिंह के साथ ही चिकित्सक नरेंद्र मोहन सिंह दोषी है। इसलिए उक्त लोग पीड़ित के उपचार पर खर्च हुए दस हजार 491 रुपये व मानसिक क्षतिपूर्ति के लिए तीस हजार रुपये पीड़ित को एक माह के अंदर भुगतान करे।

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