सपा प्रत्याशी का पर्चा फर्जी पत्र पर खारिज करवाने का आरोप,
प्रत्याशी पति ने डीएम को सौंपा पत्र,जांच कराने की मांग उठाई


-अवलोकन मात्र से ही पत्र फर्जी व कूटरचित है:अनिल आजाद
हापुड़-
हापुड़ नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष सीट से सपा प्रत्याशी के पति वरिष्ठ
सपा नेता अनिल आजाद एडवोकेट ने सोमवार को जिला निर्वाचन अधिकारी से मिलकर
फर्जी ढंग से उनकी पत्नी का पालिकाध्यक्ष पद पर सपा प्रत्याशी का फर्जी
लैटर से पर्चा खारिज करवाने का आरोप लगाया है। साथ ही मामले की जांच
कराने की मांग की है।
         जिला निर्वाचन अधिकारियों को दिये पत्र में कहा कि गत 21 अप्रैल
को उनकी पत्नी सुनीता आजाद निवासी मोहल्ला लज्जापुरी द्वारा समाजवादी
पार्टी की ओर से नगर पालिका परिषद हापुड के अध्यक्ष पद पर आवेदन किया गया
था। आवेदक के साथ समाजवादी पार्टी की ओर से विधिवत रूप से जारी प्ररूप क
व प्ररूपख आवेदन के साथ श्रीमान निर्वाचन अधिकारी (अध्यक्ष) नगर पालिका
परिषद हापुड क कार्यालय में जमा किया गया था। परन्तु कुछ लोगो द्वारा
दिनांक 23 अप्रैल को नरेश उत्तम पटेल प्रदेश अध्यक्ष सदस्य विधान परिषद
की ओर से एक तथाकथित पत्र 23 अप्रैल को  रिर्टनिंग अधिकारी (नगरीय निकाय)
नगर पालिका परिषद हापुड़ को प्रेषित प्रत्याशी सुनीता पत्नी अनिल को दिये
गये प्रारूप क को निरस्त करने एवं किसी भी प्रत्याशी को समाजवादी पार्टी
के आरक्षित चुनाव चिन्ह साईकिल आवंटन न करने का अनुरोध किया गया है। जबकि
उक्त पत्र के अवलोकन मात्र से ही स्पष्ट उक्त पत्र फर्जी व कूटरचित
है,तथा उस पर किये गये हस्ताक्षर भी प्रार्थनी की पत्नी को पूर्व में
जारी प्रारूप क व 7 ख से भिन्न है तथा पत्र पर अंकित तिथि व पत्रांक भी
किसी अन्य पेन व अन्य हस्तलेख में भी लिखी गयी है। तथाकथित पत्र संख्या
4122 सन 2023 के साथ पत्र जारीकर्ता द्वारा इस प्रकार पत्र जारी किय जाने
के सम्बन्ध में अपना अधिकृत पत्र भी प्रेषित नहीं किया गया है। तथा चुनाव
आयोग की निष्पक्ष चुनाव जाने की मंशा के अनुरूप भी पत्र जारी कर्ता
द्वारा रिटेनिंग अधिकारी के समन जक्त संख्या 4122, दिनांकित 23-04-2023 व
अपना अधिकृत पत्र मय शपथपत्र स्वयं प्रेषित नहीं किया गया। जबकि चुनाव
आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देश व विधि व्यवस्था के अनुसार इस प्रकार पत्र
/ शिकायत का फार्म के साथ स्वयं शिकायतकर्ता रिर्टनिंग आफिसर के समक्ष
उपस्थित होकर प्रस्तुत करेगा। परन्तु उक्त पत्र किसी अन्य व्यक्ति द्वारा
प्रेषित किया गया है जो विधि विरुद्ध है।

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